देहरादून: उत्तराखंड की बेटियों के पास सुनहरा मौका, चयनित लड़किया बनेंगी भारतीय ब्लाइन्ड फुटबॉल टीम का हिस्सा  

देहरादून: उत्तराखंड की बेटियों के पास सुनहरा मौका, चयनित लड़किया बनेंगी भारतीय ब्लाइन्ड फुटबॉल टीम का हिस्सा  

देहरादून, अमृत विचार। इंग्लैंड के बर्मिंघम में इस साल अगस्त में अंतरराष्ट्रीय ब्लाइन्ड फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन होने जा रहा है। भारतीय ब्लाइन्ड फुटबॉल टीम के गठन का समय सीमा पांच से 21 जून रखी गई है। ट्रायल में देशभर से 24 लड़कियां प्रतिभाग करेंगी। ट्रायल के लिए उत्तराखंड से 4 लड़कियां शुक्रवार को केरल के कोच्चि के लिए रवाना होंगी।  लड़कियां एनआईईपीवीडी की छात्राएं बताई जा रही हैं। एनआईईपीवीडी ब्लाइन्ड बच्चों के लिए समर्पित दहरादून स्थित राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान है। 

ट्रायल के लिए हुआ इनका चयन 

संस्थान के कोच नरेश सिंह नयाल ने बताया, संस्थान के बालक पहले ही इंडियन ब्लाइंड फुटबॉल टीम में जगह बना चुके हैं। अब बालिकाओं के पास सुनहरा मौका मिला है। इंडियन ब्लाइंड फुटबॉल फेडरेशन की ओर से ट्रायल के लिए श्रद्धा यादव, शैफाली रावत, शीतल और अक्षरा का चयन किया गया है।

जौनसार निवासी अक्षरा संस्थान के आदर्शन विद्यालय में कक्षा छह की छात्रा है। जबकि बनारस की रहने वाली श्रद्धा और पौड़ी निवासी शैफाली संस्थान से डीएड की पढ़ाई कर रही हैं। वहीं, हापुड़ निवासी शीतल ने हाल ही में संस्थान से 12वीं की पढ़ाई पूरी की है।

इन चार खिलाड़ियों में अक्षरा सबसे कम उम्र की खिलाड़ी है। अक्षरा ने हाल ही में झारखंड के जमशेदपुर में आयोजित हुई राष्ट्रीय नेत्रहीन फुटबॉल प्रतियोगिता के दौरान सबसे अधिक गोल किए थे। टीम ने पहली बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया था। उन्होंने खिताबी मुकाबला जीत देश का नाम भी रोशन किया था।