बरेली: भ्रष्टाचार के केस में नामजद तहसीलदार शेर बहादुर फरीदपुर से नवाबगंज भेजे

सदर तहसील में तैनाती के दौरान दर्ज हुआ था भ्रष्टाचार समेत कई आरोपों में मुकदमा

बरेली: भ्रष्टाचार के केस में नामजद तहसीलदार शेर बहादुर फरीदपुर से नवाबगंज भेजे

बरेली, अमृत विचार। कोतवाली में भ्रष्टाचार अधिनियम समेत अन्य आरोपों में दर्ज हुई एफआईआर में नामजद तहसीलदार शेर बहादुर सिंह, अर्दली अबरार के विरुद्ध चल रही जांच एक साल में भी पूरी नहीं हुई है। पहले सीओ श्वेता यादव जांच कर रही थीं। कई माह से क्राइम ब्रांच भ्रष्टाचार के मामले में जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। वहीं, अब तहसीलदार शेर बहादुर सिंह को फरीदपुर के बाद नवाबगंज तहसील का जिम्मा सौंपा गया है।

5 लाख रुपये की रिश्वत मांगने और 1.80 लाख रुपये की अर्दली द्वारा रिश्वत लेकर पांच-पांच सौ के नोट गिनने का वीडियो वायरल होने के बाद शेर बहादुर सिंह और अर्दली अबरार के विरुद्ध कोतवाली में एफआईआर दर्ज हुई थी। वह जिले की दो तहसीलों में रह चुके हैं। संगीन मुकदमे में नामजदगी होने के 50 दिन के बाद वह तहसील सदर से हटाए गए थे। इसके बाद से लगातार फरीदपुर तहसील में तैनात थे। 

2 जून को जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी ने आदेश जारी करते हुए फरीदपुर से तहसीलदार शेर बहादुर सिंह को नवाबगंज भेजने के साथ ही आंवला में तैनात तहसीलदार राम दयाल वर्मा को बहेड़ी, नवाबगंज में तैनात रश्मि कुमारी को आंवला और बहेड़ी में तैनात विनोद कुमार चौधरी को फरीदपुर तहसील भेजा है। इनके अलावा डीएम ने पांच नायब तहसीलदारों को भी इधर से उधर किया है। इसमें आंवला में तैनात नायब तहसीलदार दीपक कुमार को नवाबगंज, वहां तैनात नम्रता को मीरगंज, वहां तैनात राजकुमार सिन्हा को आंवला, नवाबगंज में तैनात दीप्ति पाल को बहेड़ी तहसील भेजा है। बहेड़ी में तैनात मंजरी सिंह का संबद्धीकरण विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय में किया है।

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