अयोध्या : लम्बे अर्से से वेतन की राह देख रहे तदर्थ शिक्षक अब आन्दोलित
सुनवाई न होने पर बीस जून को लखनऊ में करेगें विनय प्रार्थना
अयोध्या, अमृत विचार। लम्बे अर्से से वेतन को लेकर गोहार लगा रहे तदर्थ शिक्षकों के सब्र का पैमाना अब छलकने लगा है। भाजपा के संगठन मंत्री से लेकर उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से फरियाद कर चुके तदर्थ शिक्षकों ने आन्दोलन की राह पकड़ ली है। इसे लेकर तदर्थ शिक्षक अब बीस जून को निदेशालय माध्यमिक शिक्षा के शिविर कार्यालय पर अनुनय विनय प्रार्थना करेगें। यदि फिर भी मांग नहीं मानी जाती तो आगे की रणनीति तैयार करेगें।
बता दें कि जनपद के अशासकीय कालेजों में तैनात करीब 130 समेत प्रदेश के सभी तदर्थ शिक्षक लम्बे अर्से से वेतन की मांग करते आ रहे हैं। यहां तदर्थ शिक्षकों ने उच्च न्यायालय प्रयागराज द्वारा विभिन्न आदेशों का हवाला देते हुए शासन प्रशासन पर उदासीनता का आरोप लगाया है। शिक्षकों का दावा है कि उच्च न्यायालय ने कहीं भी वेतन अवरुद्ध करने का आदेश नहीं पारित किया है लेकिन निदेशक माध्यमिक शिक्षा के एक आदेश पर जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा वेतन बाधित कर दिया गया है।
शिक्षकों का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा है कि 25 वर्षों से तैनात शिक्षकों को लेकर विभाग ने कोई नीतिगत फैसला नहीं लिया इसके लिए वह भी जिम्मेदार है। शिक्षकों का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय का आदेश है कि तदर्थवाद समाप्त किया जाए और भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति न हो। इसके बाद भी माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से बार-बार अदालत में काऊंटर दाखिल कर तदर्थ शिक्षकों को परेशान किया जा रहा है। तदर्थ शिक्षकों की ओर से बताया गया है कि आयोग द्वारा चयनित अभ्यर्थियों के आने तक वेतन दिए जाने के स्पष्ट आदेश हैं। शिक्षकों का कहना है कि वह अध्यापन से लेकर मूल्यांकन आदि में सहयोग करते आ रहे हैं। वेतन न मिलने से परिवार का भरण-पोषण और बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। जुलाई आने वाली है और अभी तक वेतन को लेकर फैसला नहीं किया गया है ऐसे में अब आन्दोलन के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। इसीलिए बीस जून को निदेशालय के शिविर कार्यालय पर अनुनय विनय प्रार्थना की जाएगी।
वहीं डीआईओएस का कहना है कि पूरा मामला शासन से संदर्भित है। मुख्यालय से वेतन निर्गत करने के आदेश आतें हैं तो प्रदान किया जायेगा।
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