बरेली: 10 महीने से धूल फांक रही फाइल, अब कार्रवाई की तैयारी
बरेली, अमृत विचार। हाफिजगंज की ग्राम पंचायत ग्रेम में मनरेगा में गड़बड़ी करने वाले प्रधान, सचिव और रोजगार सेवक पर जल्द कार्रवाई हो सकती है। पिछले साल सितंबर में सोशल ऑडिट के दौरान मनरेगा कार्यों में 3.60 लाख रुपये का गोलमाल उजागर हुआ था। इसकी रिपोर्ट तैयार कर डीडीओ कार्यालय भेजी गई, लेकिन डीडीओ अरुण कुमार ने कार्रवाई नहीं की। 10 महीने से फाइल कार्यालय में धूल फांकती रही। अब प्रभारी डीडीओ तेजवंत सिंह के निर्देश पर उक्त धनराशि की वसूली की तैयारी चल रही है।
जानकारी के मुताबिक ग्रेम में रोजगार सेवक ग्राम प्रधान का पति है। शासनादेश के मुताबिक उसकी तैनाती अपने गांव में नहीं हो सकती थी। इसलिए गोलमाल उजागर होने के बाद डीसी मनरेगा के निर्देश पर उसे नवाबगंज के फैजुल्लागंज में तैनात कर दिया था, लेकिन वह अब भी काम ग्रेम गांव में करा रहा है। वहीं मनरेगा कामों में गड़बड़ी की सोशल ऑडिट की टीम ने अपनी रिपोर्ट डीडीओ कार्यालय भेज दी थी। यह रिपोर्ट कई महीनों तक दबी पड़ी रही। डीसी मनरेगा गंगाराम वर्मा का कहना है कि ऑडिट रिपोर्ट में मिली गडबड़ी में जो भी शामिल मिला है, उससे वसूली की कार्रवाई की जाएगी।
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