फर्रुखाबाद : लोहिया अस्पताल में इलाज न मिलने से दो मासूमों की मौत
अमृत विचार, फर्रुखाबाद । लोहिया अस्पताल पुरुष के पीकू वार्ड में डॉक्टरों की लापरवाही से उपचार के अभाव में दो मासूमों की जान चली गई। एक बालक को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और दूसरे को पेट में दर्द था। डीएम संजय कुमार सिंह के आदेश पर जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। कमेटी ने जांच पूरी कर ली है। गुरुवार को रिपोर्ट सीएमओ के माध्यम से डीएम के पास भेजी जाएगी।
शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला अंडीयाना निवासी रामतीर्थ पंजाब में नौकरी करते हैं। घर पर पत्नी बच्चों के साथ रहती है। मंगलवार रात करीब 8 बजे 8 माह के पुत्र कृष्णा की तबीयत बिगड़ गई। उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। मां पूनम कश्यप परिवार के अन्य लोगों के साथ पुत्र को लेकर लोहिया पुरुष अस्पताल के पीकू वार्ड में गई। वहां पीकू वार्ड प्रभारी डॉ. विवेक सक्सेना नहीं थे। इसी बीच नेकपुर कलां निवासी दीपू की पत्नी शिवार्थी अपनी चार माह की पुत्री खुशी को लेकर लोहिया अस्पताल पहुंच गई।

उसने बताया कि पुत्री पेट में दर्द के कारण बहुत रो रही है। इमरजेंसी ड्यूटी कर रहे ईएमओ अभिताभ चौहान ने उसे भी पीकू वार्ड में भेज दिया। वहां कोई डॉक्टर नहीं था। पूनम अपने आठ माह के पुत्र और शिवार्थी अपनी चार माह की पुत्री को लेकर पीकू वार्ड से इमरजेंसी और इमरजेंसी से पीकू वार्ड तक बार-बार चक्कर लगाती रही। ईएमओ अभिताभ चौहान ने बालक कृष्णा को करीब साढ़े नौ बजे और शिवार्थी की पुत्री को 10.25 बजे भर्ती कर पीकू वार्ड में भेज दिया।
पीकू वार्ड के प्रभारी के मौजूद न होने के कारण अस्पताल परिसर में रहने वाले बाल रोग विशेषज्ञ महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. कैलाश दुलानी को फोन किया गया। उन्होंने फोन नहीं उठाया। वार्ड व्वाय अर्जुन और संजय को कॉल रजिस्टर लेकर उनके आवास पर भेजा गया, लेकिन उनके आवास के दरवाजे नहीं खुले। डाक्टर के न आने के कारण उपचार के अभाव में बालक कृष्णा और बालिका खुशी की मौत हो गई। इमरजेंसी में ईएमओ ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। यह देखकर दोनों मासूमों के परिजनों में कोहराम मच गया।
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