शाहजहांपुर: दाखिल खारिज को भटक रहे लोगों में डीएम की सख्ती से जगी आस
शाहजहांपुर, अमृत विचार। डीएम के आदेश से सदर तहसील में दाखिल खारिज के लिए चक्कर लगा रहे सैकड़ों लोगों को राहत मिली है। डीएम की संख्ती के बाद दोबारा से लोग सदर तहसील में अपनी फाइलों की स्थिति देखने पहुंचने लगे हैं। लोगों में जल्द दाखिल खारिज होने की उम्मीद जगी है। साथ ही अब दाखिल खारिज लटकाने के कारणों पर भी सवाल उठने लगे हैं। कहा जा रहा है कि आखिर क्यों अधिकारी और कर्मचारी इतने लंबे समय तक सैकड़ों लोगों के दाखिल खारिज लटकाए रहे।
वर्षों से दाखिल खारिज के सैकड़ों मामलों को नायब तहसीलदार और कानूनगो सदर दबाए बैठे हैं। यह मामला 17 जून को उस समय प्रकाश में आया जब डीएम उमेश प्रताप सिंह ने संपूर्ण समाधान दिवस के बाद तहसील के पटलों का निरीक्षण किया। इस दौरान दाखिल खारिज की सैकड़ों फाइलें तीन नायब तहसीलदार और उनके कानूनगो दबा कर बैठे थे। डीएम ने तीनों नायब तहसीलदारों की पत्रावलियां जब्त कर ली थीं।
बुधवार को डीएम ने तीन नायब और तीन कानूनगो को नोटिस जारी किया है। डीएम ने सदर तहसील के नायब तहसीलदार भानू प्रताप सिंह, चंद्र गुप्त सागर कांट व निवेदिता ठाकुर जमौर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। तीनों को 15 दिन में कारण स्पष्ट करना है। साथ ही इस मामले में सदर रजिस्ट्रार कानूनगो राजीव पांडेय, लेखपाल राजकमल, रवि सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए एसडीएम को निर्देश दिए हैं।
अब शायद चक्कर लगाने से मुक्ति मिल जाए
तहसील सदर के कुछ अधिकारी व कर्मचारियों ने बताया कि काफी समय से लोग दाखिल खारिज कराने के लिए तहसील में आते रहे हैं। तमाम प्रयासों के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं होती थी। तमाम लोग तो महीनों से तहसील में अपनी फाइल की स्थिति देखने के लिए पहुंचते थे। इसके बाद भी उनकी जमीनों का दाखिल खारिज नहीं किया जाता था। अब डीएम की सख्ती के बाद एक बार फिर लोगों में आस जगी है कि शायद अब दाखिल खारिज हो जाए। डीएम की सख्ती की जानकारी होने के बाद पीड़ित सदर तहसील में अपनी फाइलों की स्थिति देखने के लिए लगातार पहुंच रहे हैं।
तहसील सदर के निरीक्षण में दाखिल खारिज की अनेक फाइलें लंबित थीं। मामले में तीन नायब तहसीलदार और उनके कानूनगो को नोटिस जारी किया है। तीनों को 15 दिन में स्पष्टीकरण तलब किया गया है। मामले में सदर रजिस्ट्रार कानूनगो राजीव पांडेय, लेखपाल राजकमल, रवि सिंह भी प्रथम दृष्टया दोषी है, जिनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए एसडीएम को निर्देश दिए हैं।-उमेश प्रताप सिंह, डीएम।
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