बरेली: जल जीवन मिशन अधूरा मगर ठगों का काम पूरा, नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से ठगी

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Published By Om Parkash chaubey
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बिथरी और भुता के बाद अब जिले के दूसरे ब्लॉकों से  की बेतहाशा शिकायतें, मिशन से जुड़े लोगों की साठगांठ से करोड़ों की ठगी किए जाने के आरोप, दिशा की बैठक में अफसरों ने जांच की बात कही लेकिन शुरू नहीं कराई

बरेली, अमृत विचार : केंद्र सरकार की योजना जल जीवन मिशन का घर-घर पानी पहुंचाने का उद्देश्य तो अभी बहुत दूर है लेकिन इस योजना के जरिए ठगों ने जिले भर में अपना काम पूरा कर लिया है। अफसरों के पास जितनी तादाद में शिकायतें दबी हुई हैं, वे साफ तौर पर जिले भर में बेरोजगारों से जल जीवन मिशन में नौकरी दिलाने के बहाने करोड़ों की ठगी होने की इशारा कर रही हैं।

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दिलचस्प यह है कि इसी तरह की ठगी पिछले साल शाहजहांपुर में भी हुई थी। अफसरों का इसके बावजूद शुरू से आखिर तक बेखबर बना रहना सवाल खड़े कर रहा है। जल जीवन मिशन में नौकरी दिलाने के बहाने बेरोजगारों से ठगी किए जाने का मामला बृहस्पतिवार को विकास भवन में हुई जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में भी गूंजा था जिसके बाद अफसरों ने इसकी जांच कराने की बात कही थी लेकिन अब तक कोई जांच शुरू नहीं हुई है।

ठगी का यह मामला पहले जिले के एक-दो ब्लॉकों में ही सामने आया था लेकिन अब पता चला कि यह खेल जिले के सभी ब्लॉकों में हुआ है और ठगी का शिकार होने वाले बेरोजगारों की संख्या भी सैकड़ों में है। जल जीवन मिशन से जुड़े जिम्मेदारों पर सीधे आरोप भी लगे हैं।

बता दें कि जल जीवन मिशन के तहत पिछले साल ओवरहेड टैंक और पंपहाउस के निर्माण और चलाने के लिए मानदेय पर हर गांव में युवाओं को ऑपरेटर, प्लंबर, मिस्त्री, इलेक्ट्रीशियन, फिटर का प्रशिक्षण दिया जाना था मगर ठगों ने नौकरी का झांसा देकर बेरोजगार लोगों से वसूली शुरू कर दी।

दो लोगों को प्रशिक्षण की सीमा होने के बावजूद एक ब्लॉक में ज्यादा से ज्यादा संख्या में बेरोजगारों को शिकार बनाया गया। बिथरी चैनपुर, भुता, मीरगंज के बाद भोजीपुरा, देवरनिया समेत पूरे जिले में बेरोजगारों से ठगी के मामले सामने आ रहे हैं।

अब तक बनें हैं 65 ओवरहेड टैंक: जिले के 1809 राजस्व ग्रामों में ओवरहैड टैंक और पाइप लाइन के जरिए घर-घर पानी पहुंचाने की योजना है। यह काम हैदराबाद की एनसीसी संस्था करा रही है। एक्सईएन कुमकुम गंगवार के मुताबिक जिले में अब तक 65 ओवरहैड टैंक बन चुके हैं। तमाम गांवों में काम चल रहा है।

खंड विकास अधिकारियों पर उठ रही है उंगली: जिला स्तर के अधिकारी इस मामले में खंड विकास अधिकारियों की ओर उंगली उठा रहे हैं। उनका कहना है कि अस्थाई तौर पर ऑपरेटर, प्लंबर, मिस्त्री, इलेक्ट्रीशियन, फिटर जैसे कामों के लिए उपयुक्त युवाओं की सूची पिछले साल पत्र लिखकर जिले के सभी खंड विकास अधिकारियों से मांगी गई थी।

उनसे मिली सूची के आधार पर ही युवाओं को निशुल्क प्रशिक्षण दिया गया। कहा जा रहा है कि प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं के जरिए ही दूसरे युवाओं को फंसाया गया और उनसे ठगी कर ली गई। बताया जा रहा है कि एक-एक से 15 से 20 तक बेरोजगारों से ठगी की गई है।

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