मुरादाबाद : आपके फोन में ठग, सतर्क रहकर सुरक्षित रखें बैंक खाते की पूंजी
डेढ़ वर्ष में साइबर क्राइम वाले थाने पहुंचे 10000 मामले, जालसाजी का शिकार होने के तुरंत बाद साइबर सेल में दर्ज कराएं शिकायत
(निर्मल पांडेय) मुरादाबाद, अमृत विचार। कंप्यूटर युग में अपराधी भी स्मार्ट होते जा रहे हैं। आपके पास मोबाइल है, घर में भी है। बूढ़े से लेकर बच्चे तक मोबाइल में व्यस्त हैं। लेकिन, हां आपके मोबाइल के इंटरनेट पर ठग सक्रिय हैं। बेहतर होगा आप कोई अपरिचित कॉल रिसीव करें, न ही मैसेज। ‘’आपकी लाटरी निकली है’’ आदि जैसे लालच देने वालों के चक्कर में न पड़े, चूंकि ये हाईप्रोफाइल ठग आपको गुमराह कर बैंक खाते में जमा रकम पल भर में उड़ा लेंगे।
अपरिचित को खुद और बैंक खाते के बारे में कोई डिटेल न दें। जी हां, कुछ इसी तरह की भूल करने वाले हर दिन चार-पांच लोग अपनी ठगी की कहानी लेकर पुलिस लाइन में साइबर सेल में पहुंच रहे हैं। इनमें खासतौर से महिलाओं की संख्या अधिक देखी जा रही है। पिछले डेढ़ वर्ष में ऐसे ही करीब 10,000 लोग ठगी का शिकार हो चुके हैं। इनके बैंक खातों से कुल 3.19 करोड़ रुपये ठगी के चक्कर में चले गए। हालांकि, इसमें काफी धनराशि पीड़ित के खाते में वापस कराने में साइबर सेल की टीम ने सफलता भी पाई है।
साइबर सेल टीम इंचार्ज ऋतिक पाठक बताते हैं कि ऑनलाइन ठगी करने वाला जब किसी के बैंक खाते से पैसा चुराता है तो वह जिस खाते में रुपये ट्रांसफर करता है, उस खाते से तत्काल नकद निकासी नहीं करता है। वह चोरी किए रुपयों को अन्य कई खातों में में अलग-अलग ट्रांसफर करता है। इसीलिए पीड़ित को चाहिए कि उसके खाते से जैसे ही रुपये चोरी हों वह जल्दी से जल्दी साइबर सेल में आकर सूचित करे तो उसके चोरी हुए रुपयों को वापस लेने में आसानी रहती है।
साइबर क्राइम से बचने के लिए जरूरी है कि अपरिचित यदि आप से कॉल पर आपके व बैंक विवरण के बारे में जानकारी ले रहा है तो कतई न दें, न ही ओटीपी आदि बताएं। कोशिश रहे कि यदि आप ठगी का शिकार हो गए हैं तो जितनी जल्दी हो आप पुलिस लाइन में पुलिस अधीक्षक यातायात के साइबर सेल में आकर सूचित करें। इससे आपके खाते से कटने वाले रुपयाें को वापस या होल्ड कराने में आसानी रहती है। वैसे अभी तक जो केस आए हैं, अधिकांश में साइबर सेल धनराशि की रिकवरी या पैसा होल्ड कराने में सफल हुई है। -सुभाष चंद्र गंगवार, प्रभारी अधिकारी-साइबर सेल
ऑनलाइन ठगी करने वालाें के तरीके
1- बैंक खाते का विवरण एवं ओटीपी पूछकर। 2- यूपीआई लिंक के माध्यम से। 3- बैंक अधिकारी बनकर जानकारी लेना। 4- लोन स्वीकृत हो गया, दिलाने के नाम पर। 5- एनीडेस्क डाउनलोड कराकर भी ठगी। 6- वीडियो वायरल कर छवि धूमिल करने की धमकी से। 7- फेसबुक पर अश्लील मैसेज टच करने पर ठगी करना। 8- सोशल मीडिया पर फेक पोस्ट के जरिए। 9- अश्लील वीडियो बनाकर रुपये की मांग।10- क्रेडिट कार्ड के बारे में जानकारी लेकर। 11-अपरिचित लड़कियों से ऑनलाइन वीडियो कॉल पर बात/चैटिंग से
छह महीने में एक लाख से अधिक की ठगी के छह मामले
चालू वित्तीय वर्ष के छह महीने में एक लाख रुपये से ऊपर की ऑनलाइन जालसाजी वाले कुल छह प्रकरण दर्ज हैं। इसमें सबसे अधिक 4,34,000 रुपये का मामला नागफनी के दीवान का बाजार निवासी सैय्यद आसिम रजा का रहा है। सक्रियता के कारण इनकी धनराशि को वापस कराने में साइबर सेल को भी काफी मदद मिली और पूरा पैसा खाते में रिकवर कराया गया। इसी तरह मझोला के मानसरोवर कॉलोनी के अरविंद कुमार से 2,16,014 रुपये की ठगी हुई। इनका भी रुपया रिकवर हो गया है।
1.81 करोड़ रुपये की नहीं हो सकी है रिकवरी
ऑनलाइन ठगी के पीड़ित समय रहते पुलिस के साइबर सेल में पहुंच गए तो टीम के सदस्यों ने कुल 1,37,21,274 रुपये खाते में होल्ड व रिकवरी कराने में सफलता भी पाई है। लेकिन, डेढ़ वर्षों में ऑनलाइन ठगी के जो मामले आए और उससे संंबधित कुल धनराशि में अभी भी पुलिस की साइबर सेल टीम 1,81,81,867 रुपये की रिकवरी नहीं करा सकी है। इनमें अधिकांश ऐसे मामले हैं जिनमें पीड़ित या तो समय से साइबर सेल को सूचित नहीं कर पाए या उनकी सूचना दिए जाने से पहले ही साइबर अपराधियों ने धनराशि आहरित कर ली।
साइबर सेल ने पीड़ितों के 30,464 रुपये वापस कराए
मुरादाबाद। साइबर सेल ने रविवार को आनलाइन ठगी के दो पीड़ितों के 30,464 रुपये वापस कराए हैं।
कुंदरकी थाना क्षेत्र में जैतिया फिरोजपुर निवासी नाजिम पुत्र जाकिर से किसी अज्ञात व्यक्ति ने ओटीपी शेयर करवाकर 8,864 रुपये ठग लिए थे। वहीं, मूंढापांडे आरएचएम कॉलेज आफ हायर एजुकेशन हरसैनपुर सिरसखेड़ा के प्रबंधक रुकशाद अली से किसी अज्ञात व्यक्ति ने विद्यालय में बन रही प्रैक्टिकल लैब में लगने वाली सिंक का सामान खरीदने के लिए संपर्क किया। साइबर जालसाज ने प्रबंधक रुकशाद अली को विश्वास में लेकर सिंक के सामान के लिए ऑनलाइन 21,600 रुपयों की साइबर ठगी कर ली। दोनों पीड़ितों ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज की थी। रविवार को साइबर सेल पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों पीड़ितों की पूरी रकम उनके खातों में वापस करवा दी।
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