बरेली: प्रोफेशनल डिग्रियां भी किसी काम की नहीं, नौकरी के लिए मारे-मारे घूम रहे युवा

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Published By Moazzam Beg
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अनुपम सिंह, बरेली, अमृत विचार। युवाओं को सुनहरे सपने दिखाकर उनकी जेब से लाखों निकलवाने के बाद उनके हाथ में प्रोफेशनल डिग्रियां थमाने वाले संस्थान उन्हें नौकरी की गारंटी नहीं दे पा रहे हैं। सरकारी दावे भी किसी काम नहीं आ रहे हैं। ऐसे बेरोजगारों की भरमार है जो प्रोफेशनल डिग्री लेकर नौकरी के लिए मारे-मारे घूम रहे हैं। बरेली में हर 22वें युवा के हाथ में कोई न कोई हुनर है, फिर भी वह बेरोजगार है और इधर-उधर धक्के खा रहा है। पूरे मंडल की बात करें तो हर 18वां युवा हुनरमंद होने के बाद भी खाली घर बैठा है।

पॉलीटेक्निक और आईटीआई की प्रोफेशनल डिग्रियों को रोजगारपरक बताया जाता है लेकिन सच यह है कि इन डिग्रियों के लिए कई साल का समय और लाखों रुपये फूंकने के बावजूद युवाओं के सामने रोजगार पाने का संकट है। बरेली में सहायक निदेशक सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 83 हजार 229 है। यानी यहां हर 41वां शख्स बेरोजगार है। इन पंजीकृत बेरोजगारों में 3783 युवाओं ने आईटीआई या कोई न कोई डिप्लोमा कर रखा है, फिर भी उन्हें रोजगार नहीं मिल पा रहा है।

बदायूं में 42 हजार 540 बेरोजगार हैं, यानी वहां हर 56वां शख्स बेरोजगार है। बदायूं में भी 3422 युवाओं के पास आईटीआई और डिप्लोमा है, यानी हर 12वां हुनरमंद बिना काम के घूम रहा है। पीलीभीत में 43 हजार 228 बेरोजगार हैं, वहां हर 33वां व्यक्ति बेरोजगार है। इनमें 2174 ने आईटीआई और डिप्लोमा कर रखा है। इस तरह हर 20वां युवा हुनरमंद नौकरी तलाश रहा है। शाहजहांपुर में स्थिति और ज्यादा चिंताजनक है। 40 हजार 310 बेरोजगारों में से 2553 ने डिप्लोमा और आईटीआई डिग्रीधारक हैं लेकिन रोजगार नहीं है। यहां हर 16वें युवा को नौकरी की जरूरत है।

क्योंकि कंपनियों को कम से कम पैसों में चाहिए ज्यादा से ज्यादा काम
पढ़ाई-लिखाई के बाद हुनर सीखने के लिए युवा पॉलीटेक्निक, आईटीआई करते हैं, लेकिन रोजगार मेले में दूरदराज की कंपनियों से उनकी कई मुद्दों पर बात नहीं बन पाती। ज्यादातर मामलों में नौकरी के लिए बहुत दूर जाने की मजबूरी और बेहद कम पैसा मिलने जैसी समस्याएं होती हैं। कई बार डिग्री के मुताबिक कंपनियां काम भी नहीं देतीं। काफी संख्या में युवा इंटरव्यू में सेलेक्ट नहीं हो पाते और कंपनियां उन्हें नहीं लेतीं।

बरेली में पढ़े लिखे और डिग्रीधारी बेरोजगार
-शिक्षा                पुरुष            महिला
-हाईस्कूल            14149         7452
-इंटर                  19899         8864
-स्नातक              12376          5434
-स्नातकोत्तर         8825             3081
-आईटीआई        1499             436
-डिप्लोमा            1723             125

-बदायूं में पढ़े लिखे और डिग्रीधारी बेरोजगार
-शिक्षा             पुरुष             महिला
-हाईस्कूल       5851             2170
-इंटर             10576             2235
-स्नातक          12867             3245
-स्नातकोत्तर        2734             1653
-आईटीआई         1322             35
-डिप्लोमा             1884             181

शाहजहांपुर में पढ़े लिखे और डिग्रीधारी बेरोजगार
-शिक्षा                      पुरुष            महिला
-हाईस्कूल                3857            1318
-इंटर                     11030           3113
-स्नातक                  9850            3192
-स्नातकोत्तर             2817            1262
-आईटीआई           1484             131
-डिप्लोमा                831             107

पीलीभीत में पढ़े लिखे और डिग्रीधारी बेरोजगार
-शिक्षा                        पुरुष                 महिला
-हाईस्कूल                    5143             2436
-इंटर                         12111            4672
-स्नातक                       9266             3989
स्नातकोत्तर                   2408             1707
-आईटीआई                  632             25
-डिप्लोमा                    1259             258

डिप्लोमा और आईटीआई करने वालों के पास यह होती डिग्रियां
डिप्लोमा करने वालों के पास इलेक्ट्रिकल एंड टेलीकम्युनिकेशन, डिप्लोमा इन इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी,

डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, डिप्लोमा इन केमिकल इंजीनियरिंग, डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग, डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग, डिप्लोमा इन बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, डिप्लोमा इन गारमेंट टेक्नोलॉजी होती है। इसी तरह से आईटीआई करने वाले युवा इलेक्ट्रीशियन, कारपेंटर, वेल्डर, फिटर, फैशन डिजाइनिंग में ट्रेंड होते हैं।

पिछले आठ सालों में बरेली में पंजीकृत बेरोजगारों का आंकड़ा
वर्ष                                          बेरोजगार
2013-14             15340
2014-15             15052
2015-16             19838
2016-17             11560
2017-18             13034
2018-19             11111
2019-20             9308
2020-21             9686
2021-22             8524
2022-23             11685

बीटेक युवा बन रहे कंपनियों की पसंद
हाईस्कूल, इंटर पास करने के बाद पॉलीटेक्निक और आईटीआई का रुख करने वाले छात्रों को उम्मीद होती है कि इसके बाद उन्हें कहीं न कहीं अच्छी नौकरी मिल जाएगी, लेकिन तेजी से बदलते दौर में ऐसी डिग्रियों डिमांड कम हो गई है। अगर ऐसा न होता तो प्रोफेशनल डिग्री लेने के बाद भी हजारों युवाओं को सेवायोजन कार्यालय में रजिस्ट्रेशन न कराना पड़ता। बताया जाता है कि जिस तरह के हुनर की मांग है, संस्थानों से वह हासिल नहीं हो रहा है। यही वजह है कि बीटेक पास युवा कंपनियों की पसंद बन रहे हैं।


सेवायोजन कार्यालय का काम नौकरी देना नहीं है। विभाग रोजगार मेले लगाकर बेरोजगारों का पंजीकरण कराता है। इसके बाद कंपनियां बेराेजगारों का इंटरव्यू लेकर तय करती हैं कि किसे नौकरी देनी है और किसे नहीं। अपनी जरूरत के हिसाब से ही चयन किया जाता है। - त्रिभुवन सिंह, सहायक निदेशक सेवायोजन बरेली मंडल

209307 पंजीकृत हैं मंडल के सेवायोजन कार्यालयों में
11932 लोग हैं आईटीआई पास और डिप्लोमा धारक
5564 ने आईटीआई कर रखी है, इनमें ज्यादातर युवा
6368 के पास अलग-अलग क्षेत्र में है डिप्लोमा

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