बरेली: झूठे वादों और बेपरवाही से कम मिलेगी आजादी,किसान दिवस में हंगामा

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Published By Om Parkash chaubey
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किसानों ने कहा- सिर्फ आश्वासन देकर टाल देते हैं अफसर, एक भी पुरानी शिकायत पर कार्रवाई नहीं

बरेली, अमृत विचार : किसान दिवस में आए किसानों ने इस बार अपनी समस्याएं कम रखीं, पिछले किसान दिवसों में रखी गई समस्याओं पर कोई कार्रवाई न होने पर गुस्सा ज्यादा जताया। हंगामे के बीच सीधा आरोप लगाया कि किसान दिवस सिर्फ कागजों का पेट भरने के लिए आयोजित किया जा रहा है। अफसर झूठे आश्वासन देने को अपनी कार्यप्रणाली का हिस्सा बना लिया है।

किसानों ने कहा कि डीएम और सीडीओ के आश्वासन पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है तो किसान दिवस में आने का फायदा ही क्या। आवारा पशुओं की समस्या और बकाया गन्ना भुगतान न होने पर किसानों ने सबसे ज्यादा नाराजगी जताई। शासन के आदेश पर किसानों की समस्याओं के त्वरित निदान के लिए हर महीने तीसरे बुधवार को विकास भवन सभागार में किसान दिवस आयोजित किया जाता है।

इस बार किसान दिवस में डीएम तो थे नहीं, उप कृषि निदेशक डॉ. दीदार सिंह की अध्यक्षता में बैठक शुरू होते ही किसानों ने हंगामा शुरू कर दिया। पहले की गई शिकायतों का निस्तारण न होने पर कई गंभीर आरोप लगाए। कहा, किसान दिवस में 40 से 50 किमी दूर से किसान इस उम्मीद से पहुंचते हैं, उनकी समस्या का निदान हो जाएगा लेकिन डीएम, सीडीओ समेत अन्य अफसरों की मौजूदगी होने पर संबंधित विभाग से तत्काल करा दिया जाएगा, लेकिन होता कुछ नहीं है।

किसानों ने आवारा पशुओं और बकाया गन्ना भुगतान की समस्या पर अफसरों को घेरा। बहेड़ी सोसाइटी के चेयरमैन केंद्रपाल ने आरोप लगाया कि चीनी मिलों से जबरन फार्म भरवाया जा रहा है कि गांव में कोई बैठक नहीं होगी क्योंकि असामाजिक तत्वों के बैठक में होने से लड़ाई-झगड़े की आशंका रहती है।

चीनी मिल एक अधिकारी ने इसे नकारा तो जमकर कहासुनी हुई। किसी तरह अधिकारियों ने मामला शांत किया। बैठक में जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र सिंह चौधरी, सीवीओ डॉ. मेघश्याम, डीसीओ यशपाल सिंह, डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार समेत कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

आवारा पशुओं से निजात दिलाने में अफसर पूरी तरह फेल हैं। किसान दिवस डीएम की अध्यक्षता में होता है, फिर भी हर बार आश्वासन देकर टाल दिया जाता है। होता कुछ नहीं है। - राकेश कुमार, फतेहगंज पश्चिमी

किसान दिवस नहीं इसे मजाक दिवस कहना चाहिए। गांव में बिजली-पानी जैसी तमाम समस्याएं हैं। किसान दिवस में 40 से 50 किमी तक दूर से पहुंचते हैं लेकिन यहां भी निराशा ही मिलती है।- युद्ववीर सिंह, शाही

जमीन पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है। तीसरी बार किसान दिवस में पहुंचा हूं। डीएम ने दो बार आश्वासन दिया मगर कार्रवाई नहीं हुई। अब लखनऊ जाकर सीएम से शिकायत करूंगा। - महावीर सिंह, फतेहगंज पश्चिमी

किसान समस्याओं से घिरे है। जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायतों का फर्जी निस्तारण कर दिया जाता है। छुट्टा पशुओं और गन्ना भुगतान की समस्या पर अफसर आश्वासन देते हैं, करते कुछ नहीं। - झंडू गंगवार, भाकियू अध्यक्ष फतेहगंज पश्चिमी

सरकारी नलूकप और अपात्रों को सम्मान निधि देने समेत पांच बिंदुओं पर पिछली बार किसान दिवस में शिकायत की थी मगर कुछ नहीं हुआ। किसानों से मजाक किया जा रहा है।- अरविंद सिंह सोमवंशी, फतेहगंज

बैंक से लिया लोन चुकाने के बाद अदायगी प्रमाण पत्र के लिए महीनों से चक्कर काट रहे हैं। कई शिकायत कीं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। किसान दिवस में आना समय बर्बाद करने के बराबर है।- अमरपाल, कैंट

गांव की सड़कों पर बेतहाशा गड्ढे हैं। प्रधान की जगह उसका बेटा प्रधानी कर रहा है। डीएम, सीडीओ से कई बार शिकायतें कीं। हर बार कार्रवाई का आश्वासन मिला पर हुआ कुछ नहीं। -रेशमा कश्यप, करगैना जागृति नगर

कहने को गांव में गोशाला है लेकिन आवारा पशुओं का गांव से खेतों तक आतंक है। सोचा था कि किसान दिवस में डीएम के सामने विस्तार से अपनी बात रखेंगे, लेकिन डीएम-सीडीओ शामिल ही नहीं हुए।- रामश्री, करेली

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