Kanpur News : गलियों में सीटी और लाठी पटकने की आवाज सुनाई देगी, अपराध रोकने के लिए हाईटेक होंगे चौकीदार
कानपुर में अपराध रोकने के लिए हाईटेक होंगे चौकीदार।
कानपुर में अपराध रोकने के लिए हाईटेक होंगे चौकीदार। गलियों में सीटी और लाठी पटकने की आवाज सुनाई देगी।
कानपुर, अमृत विचार। डकैती, हत्या, जमीनी विवाद, चोरी अतिसंवेदनशील और संवेदनशील थानाक्षेत्रों में सांप्रदायिक विवादों की सुगबुगाहट समेत न जाने कितने ऐसे अपराध हैं, जो समय रहते रोके जा सकते हैं। लेकिन स्थानीय खुफिया एलआईयू को जानकारी न मिलने से इस तरह के अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। आपराधिक गतिविधियों को रोकने और लगातार बढ़ रहे अपराध को कम करने के लिए आलाधिकारी चौकीदारों को कुछ हाईटेक करने की तैयारी में हैं।
कानपुर कमिश्नरेट अंतर्गत शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में हाईटेक चौकीदारों की तैनाती होगी। एक बार फिर रात को पुलिस सायरन की जगह सीटी की आवाज और लाठी पटकने की आवाज सुनाई देगी। जिन संकरी गलियों में पुलिस की गाड़ियां दाखिल नहीं हो सकती है, वहां साइकिल सवार हाईटेक चौकीदार न सिर्फ सूचनाओं का संकलन करेंगे बल्कि अपराध रोकेंगे।
पुलिस अधिकारियों का मानना है, कि ग्रामीण इलाकों में प्रधानी के चुनाव हों या शहर के निकाय चुनाव। कभी-कभी छोटे विवाद भी बड़ा रूप धारण कर लेते हैं। जिससे लॉ एंड आर्डर की समस्या उत्पन्न होती है। इन विवादों को पुलिस अधिकारियों की मदद से निपटाने में इन चौकीदारों का विशेष योगदान रहेगा।
पुलिस के भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि चौकीदारों को लखनऊ और झांसी में जल्द ट्रेनिंग देने की शुरूआत की जाएगी। जहां उन्हें भौतिक के साथ मानसिक मजबूत किया जाएगा। इन लोगों को 45 दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी। जहां पुलिस के साथ मिलकर काम करने का तौर तरीका सिखाया जाएगा।
पुलिस-जनता के बीच की कड़ी बनेंगे
कमिश्नरेट के एक अधिकारी के अनुसार आम आदमी पुलिस के सामने जाने में घबराता है। वह अपना पक्ष भी नहीं रख पाता है। जिससे कई बार पुलिस की छवि भी खराब हो जाती है। आम आदमी और पुलिस के बीच की दूरी को कम करने में इन चौकीदारों का बड़ा योगदान होगा। ये आम लोगों की बात पुलिस अधिकारियों के सामने रखेंगे, जिससे सामने वाले को न्याय मिल सकेगा।
नशे पर लगेगी लगाम, अराजकतत्वों पर निगरानी
अधिकारी के अनुसार हाईटेक चौकीदारों के पास इलाके में घूम-घूम कर अराजक तत्वों पर निगाह रखने की जिम्मेदारी होगी। इलाके में अवैध रूप से बनने वाली शराब, चरस, गांजे समेत नशीले पदार्थों की बिक्री करने वालों की भी जानकारी चौकीदार के पास होगी। साथ ही क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटर, दबंगों पर भी नजर बनाए रखेंगे। पुलिस इस बात का विशेष ध्यान रखेगी कि कहीं चौकीदार किसी द्वेषवश काम न कर रहा हो।
चौकीदारों की ये होंगी जिम्मेदारियां
- इलाके में होने वाले राजनीतिक कार्यक्रमों की एलआईयू को जानकारी देनी होगी।
- बीट पुलिसकर्मियों के संपर्क में रह कर देंगे इलाके के अराजकतत्वों की जानकारी।
- पुलिस कमिश्नर से लेकर थाने के मुंशी तक के सीधे संपर्क में रहेंगे हाईटेक चौकीदार।
- शहर में जाम लगने के दौरान जाम खुलवाने में ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की करेंगे मदद।
- अतिसंवेदनशील और संवेदनशील थानाक्षेत्रों में रखेंगे पैनी निगाह, देंगे पुलिस को जानकारी।
- बिना सिक्योरिटी वाले बैंकों और एटीएम बूथों पर भी रखेंगे निगाह, साइकिल से करेंगे गश्त।
हाईटेक चौकीदारों की यह होगी योग्यता
- शरीर से फिट होना चाहिए।
- परिवार में कोई अपराधी न हो।
- थानाक्षेत्र से भलीभांति परिचित हो।
- उम्र 18 से 35 वर्ष तक की रहेगी।
- कम से कम इंटर पास होना चाहिए।
- किसी भी थाने में कोई मामला न दर्ज हो।
- एंड्रायड फोन चलाना आना चाहिए।
- सोशल मीडिया प्लेटफार्म की जानकारी होनी चाहिए।
- किसी भी सरकारी या निजी बैंक में खाता हो।
- राजपत्रित अधिकारी का बनाया चरित्र प्रमाण पत्र होना चाहिए।
कुल थाने : 52
- शहर के थानों में चौकीदारों की संख्या : 170-180 के बीच।
- ग्रामीण इलाकों में चौकीदारों की संख्या: 70-85 के बीच। (औसतन)
