अयोध्या : सावन के अंतिम सोमवार पर मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु

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Published By Virendra Pandey
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अयोध्या, अमृत विचार। सावन के आठवें और अंतिम सोमवार को रामनगरी बम भोले और हर-हर महादेव के जयकारों से गुंजायमान हो उठी। सुबह से ही शिवभक्तों और श्रद्धालुओं का हुजूम रामनगरी में उमड़ने लगा। शिवभक्ति में लीन श्रद्धालुओं ने सबसे पहले सरयू घाट पर पतित पावनी सलिला सरयू में स्नान-दान के बाद भोले बाबा का जयकारा लगाते हुए भक्तों ने अपने आराध्य का जलाभिषेक कर आशीर्वाद लिया। अंतिम सोमवार को लेकर जिला व पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा और व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए गए थे, ताकि किसी भी श्रद्धालु को असुविधा का कम से कम सामना करना पड़े। वहीं सीसीटीवी के जरिए पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी भी की जा रही थी। 

सावन के अंतिम सोमवार को रामनगरी स्थित प्राचीन नागेश्वरनाथ मंदिर सहित अन्य शिवालयों में जलाभिषेक व दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। जनपद ही नहीं आसपास जिले से भी भारी संख्या में श्रद्धालु रामनगरी पहुंचे। सरयू घाट पर सुबह से शुरू हुआ स्नान-दान का सिलसिला दिन के चढ़ने के साथ ही बढ़ता चला गया। सरयू स्नान के बाद श्रद्धालुओं का रेला बाबा भोलेनाथ के जलाभिषेक के लिए प्राचीन नागेश्वरनाथ व क्षीरेश्वरनाथ मंदिर पहुंचे। इस दौरान भीड़ अधिक होने के चलते श्रद्धालुओं को दर्शन-पूजन के लिए कतारबद्ध होकर घंटों इंतजार करना पड़ा। इसके अलावा हनुमानगढ़ी व रामजन्मभूमि सहित अन्य मठ-मंदिरों में पहुंच श्रद्धालुओं ने माथा टेका। महिला श्रद्धालु रेणु सिंह ने कहा कि सोमवार के कारण नागेश्वरनाथ मंदिर में जलाभिषेक किया है। मंदिरों में व्यवस्था अच्छी होने से बहुत ही आराम से दर्शन-पूजन हुआ है। 

भीड़ नियंत्रित करने को की गई बैरिकेडिंग, सीसीटीवी से हुई निगरानी

आखिरी सोमवार पर मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से जगह-जगह छोटे-छोटे बैरिकेट्स लगाकर श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित किया जा रहा था और छोटे-छोटे समूह में ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश दिलाया जा रहा था, ताकि अव्यवस्था न फैले और सुगमता से श्रद्धालु दर्शन-पूजन कर सकें। इसके अलावा सरयू घाट सहित पूरे मेला क्षेत्र की सीसीटीवी कैमरे से निगरानी भी की जा रही थी। 

वर्जन

सावन महीना के सभी सोमवार विशेष महत्व रखते हैं। सावन के साथ पुरुषोत्तम मास मिलाकर दो माह तक सावन रहा, यह विशेष संयोग है। सावन में जलाभिषेक व दर्शन-पूजन से करने से शिव प्रसन्न होते हैं और सभी मन्नतें भी पूरी होती हैं।  
आचार्य सत्येंद्र दास 
मुख्य पुजारी, रामलला

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