बरेली: राहत...शतक लगाने वाली सब्जियों के दाम 50 से भी नीचे

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Published By Moazzam Beg
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बरेली, अमृत विचार। डेलापीर मंडी में बाहरी राज्यों और स्थानीय स्तर पर सब्जियों की भरपूर आवक से लोगों को राहत मिलनी शुरू हो गई है। सब्जी के दामों में गिरावट शुरू हो गई है। जुलाई और अगस्त में शतक पार करने वाली सब्जियों के दाम सितंबर शुरू होते ही आधे से भी कम हो गए हैं। सबसे ज्यादा गिरावट टमाटर, शिमला मिर्च और फूलगोभी के दामों में आई है।

एक महीना पहले टमाटर के भाव 200 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गए थे। अब टमाटर मंडी में 25 से 30 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से बिक रहा है। अन्य सब्जियों के दामों में भी अंतर है। इस वक्त बाजार में टमाटर के अलावा लोकी, भिंडी, करेला, फूल और पत्ता गोभी काफी मात्रा में उपलब्ध है। मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष शुजाउर्रहमान का कहना है कि स्थानीय के अलावा बाहरी राज्यों से सब्जी की आवक भरपूर होने से सब्जियों के दामों में और गिरावट देखने को मिलेगी।

आलू ही नहीं प्याज के भी भाव गिरे
आलू के दामों में भी गिरावट आई है। पहले 18 से 20 रुपये किलो था, मगर अब बाजार में 10 रुपये किलो के भाव से बिक रहा है। प्याज के भी नखरे कम हुए हैं। 30 से 20 रुपये किलो पर आ गया है। बैंगन 70 से घटकर 30 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा है। आसमान छू रहे फूल और पत्ता गोभी के दामों में कमी देखने को मिली है। 100 से 120 रुपये के बजाय 40 से 50 रुपये किलो दाम पहुंच गए हैं। लौकी 30 से 20 तो शिमला मिर्च का भाव 70 से 40 रुपये पहुंच गया है। करेला के दाम भी कम हुए है। 50 की जगह 15 से 18 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। परवल और भिंडी 30 रुपये प्रति किलो में बिक रही है, जबकि एक महीने में पहले दाम 50 से 60 रुपये किलो थे।

बारिश से सब्जियां खराब होने से बढ़े थे दाम
कुछ समय से बाहरी राज्यों में भी बारिश में कमी आई है। इसका असर मंडी में देखने को मिल रहा है। इन दिनों सब्जियों की आवक बढ़ गई है। पिछले महीने अधिक बारिश होने से हरी सब्जियां खेत में खराब हो गई थीं। इससे सब्जियों की आवक कम हो गई थी और दाम बढ़ गए थे।-अकील, थोक सब्जी व्यापारी, डेलीपीर मंडी

सब्जी के दामों में आवक बढ़ने से लगातार कमी देखने को मिल रही है। सबसे ज्यादा भाव टमाटर के कम हुए हैं। भिंडी, लौकी, परवल समेत कई अन्य हरी सब्जियों मंडी में भरपूर मात्रा में आ रही हैं। दाम गिरने से ग्राहकों की संख्या भी बढ़ गई है।-मनोज कुमार, सब्जी विक्रेता, पुराना शहर

हर साल इन दिनों में सब्जी के दामों में गिरावट देखने को मिलती है। जून और जुलाई में भारी बारिश के चलते बंगाल, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों से स्थानीय स्तर पर सब्जियां नहीं आ पा रही थीं। आवक घटने से सब्जियों के दाम बढ़ गए थे। अब सब्जियों की भरपूर आवक मंडी में हो रही है।-अमरजीत, सब्जी विक्रेता, एनल क्लब मंडी

सितंबर में सब्जियों के दामों में गिरावट से बिक्री बढ़ गई है। पहले ग्राहक आधा और एक किलो सब्जी लेते थे, अब मात्रा बढ़ा दी है। इससे दुकानदारों को भी राहत मिली है। आने वाले दिनों में सब्जी के दामों में और गिरावट आ सकती है।-अनिल, सब्जी विक्रेता, शहामतगंज मंडी

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