अयोध्या: हाईवे पर बसों की चेकिंग, दो यात्रियों की मौत! परिजन समेत अन्य ने किया हंगामा, एआरटीओ को दौड़ाया

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Published By Deepak Mishra
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पुलिस ने संभाला मोर्चा, सीज बसों को किया रवाना, पुलिस ने भी पोस्टमार्टम की नहीं की कोई कार्रवाई, आधिकारिक पुष्टि भी नहीं

सोहावल/अयोध्या, अमृत विचार। डग्गामार बसों के खिलाफ शुक्रवार को चलाए गए आरटीओ और रोडवेज के संयुक्त जांच अभियान में बड़ी लापरवाही सामने आई। हाईवे पर चेकिंग के दौरान सीज कर खड़ी कराई गई दो निजी बसों में दो यात्रियों की मौत हो गई। जिससे भड़के परिजनों व एकत्र लोगों ने जमकर हंगामा किया और एआरटीओ प्रवीण सिंह को दौड़ा लिया। पुलिस ने मोर्चा संभाला। एआरटीओ ने मृतक यात्रियों समेत सभी सीज बसों को छोड़ दिया। पुलिस ने भी मृतक यात्रियों के पोस्टमार्टम संबंधित कोई कार्रवाई नहीं की। खबर लिखे जाने तक मौत की आधिकरिक पुष्टि भी नहीं की गई।

शासन के निर्देश पर संयुक्त जाँच अभियान के तहत एआरटीओ प्रवीण सिंह के नेतृत्व में शुक्रवार को सुबह लगभग साढ़े आठ बजे से हाईवे पर तहसीनपुर स्थित टोल प्लाजा के पूर्व डग्गामार बसों की जाँच शुरू हुई। कुछ ही देर में लंबी दूरी की लगभग 12 निजी बसों को रोक लिया गया। एआरटीओ ने इनमें से छह बसों को सीज कर रौनाही थाने के बाहर खड़ा करवा दिया। उमस और गर्मी के चलते यात्री परेशान हो गए।

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इसी बीच दिल्ली से बिहार जा रही डबल डेकर शिव शक्ति ट्रेवल्स की बस यूपी 51 एटी 8109 से अपने घर बिहार के सुपौल जिला के मरौना थाना क्षेत्र स्थित गांव खुशयाली निवासी बुजुर्ग रामचंद्र साह पुत्र दिल्लर और 4 जी चंपारण ट्रेवेल्स की बस यूपी 22 एटी 3987 पर सवार एक अधेड़ यात्री की मौत हो गई। इससे परिजन और बसों के यात्री आक्रोशित हो गए तथा मौके पर हंगामा शुरू हो गया। स्थानीय लोग भी मौके पर पहुंच गए।

आक्रोशित भीड़ ने आरटीओ प्रवर्तन को दौड़ा लिया। जिसके बाद रौनाही पुलिस ने मोर्चा संभाला और मौके की नजाकत देख एआरटीओ प्रवर्तन प्रवीण सिंह ने सीज बसों को उनके गंतव्य रवाना करवा दिया।  इस घटना में शिव शक्ति ट्रेवेल्स के स्टाफ की ओर से एक कागज जारी किया गया है। जिसमें मृतक रामचंद्र की ओर से बुखार पीड़ित होने तथा यात्रा के दौरान कुछ होने पर खुद जिम्मेदार होने की बात लिखी गई है।  इस कागज पर दिल्ली निवासी भुल्लर कुमार तथा एक अन्य शख्स हीरालाल का नाम दर्ज है।  

मृतक बुजुर्ग की पत्नी बिंदी और नाबालिक बेटे नितीश ने बताया कि वह लोग रामचंद्र का इलाज करने दिल्ली ले गए थे। वहां से वापस अपने घर बिहार लौट रहे थे। हाईवे पर आरटीओ ने बस को खड़ा करवा दिया। तीन घंटे तक उमस और गर्मी के बीच पड़ा होने के चलते जान चली गई। वहीं खबर लिखे जाने तक दूसरे यात्री का नाम-पता नहीं मिल पाया।

न अस्पताल भेजवाया और न ही कराया पोस्टमार्टम
रौनाही थाने के सामने सीज कर खड़ी कराई गई छह निजी बसों में से दो बसों के दो यात्रियों की मौत हो गई। इलाके की पुलिस के साथ सीओ सदर संदीप सिंह भी मौजूद रहे। हलांकि एआरटीओ प्रवर्त्तन अथवा पुलिस की ओर से बसों में सवार परेशान हाल किसी यात्री की न तो कोई सुधि ली गई और न ही यात्रियों की मौत की खबर होने के बावजूद किसी को अस्पताल भेजवाया गया।

 इतना ही नहीं दो यात्रियों के निधन की खबर होने के बावजूद पुलिस ने न तो यात्रियों के शवों को कब्जे में लिया और न ही लिखापढ़ी करवा पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया। घटना के बाद रौनाही थाना प्रभारी ने एआरटीओ को तेवर तो दिखाया लेकिन कानूनी कार्रवाई से परहेज करते दिखे। वहीं एआरटीओ प्रवर्त्तन की ओर से सीज बसों के स्टाफ पर दबाव बना सभी को शवों समेत गंतव्य के लिए रवाना करवा दिया गया।    

एक बस में यात्री की तबियत गड़बड़ होने की जानकारी मिली थी। इस पर मैंने  तत्काल एंबुलेंस भी बुलवाई लेकिन परिजन गोरखपुर ले जाकर उपचार कराने की बात कहने लगे। मुझे किसी यात्री के मौत की जानकारी नहीं है। यात्री की तबियत खराब होने के चलते मानवता के आधार पर सभी सीज बसों को छोड़ दिया गया..., प्रवीण कुमार सिंह, एआरटीओ प्रर्वतन, अयोध्या।

पूरे मामले की विस्तृÞत जांच के लिए सीओ सदर को निर्देशित किया गया है। अभी किसी यात्री की मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली है..., एके सोनकर, एसपी देहात, अयोध्या।

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