अयोध्या में बारिश से रपटीला हुआ आठ किलोमीटर रामपथ
शनिवार से रविवार तक गिरे कई बाइक सवार, ई-रिक्शा भी पलटे
अयोध्या, अमृत विचार। महज पांच मिलीमीटर की बारिश ने निर्माणाधीन रामपथ को रपटीला कर दिया। लगातार बारिश से जहां मिट्टी के साथ थोपी गई गिट्टियां बह गईं वहीं जगह - जगह होल भी दिखने लगे हैं। शनिवार से रविवार तक जारी बारिश की वजह से बाइक सवार फिसल कर गिरते दिखे तो ई-रिक्शा भी पलटे।
अगस्त से लेकर 17 सितंबर तक चार सत्रों में हुई बारिश ने वैसे भी जलनिकासी के दावों की पोल खोल रखी है वहीं निर्माणाधीन रामपथ पर चलना दुरुह हो गया है। सहादतगंज से कलेक्ट्रेट तक तो आवाजाही आसान है लेकिन कलेक्ट्रेट से रोडवेज होते हुए हनुमानगढ़ी रिकाबगंज तक जोखिम से कम नहीं। रोडवेज, सर्किट हाउस और गांधी पार्क के सामने पूरा पानी भरा हुआ है। रिकाबगंज से नियावां रोड पर स्थित बेहद खराब है। जगह-जगह जलभराव के लिए बीच - बीच में होल हो गए हैं। नियावां चौराहे पर खोदाई के कारण शनिवार शाम और रविवार सुबह दो ई-रिक्शा सवारी के साथ पलट गए। नियावां से गुदा रोड तो चलने लायक ही नहीं बची है। यही हाल गुदड़ीबाजार से साहबगंज तक का है। गंभीर बात यह है कि अगस्त के प्रथम सप्ताह में बिछाई गई गिट्टियां भी छितरा गईं हैं। जिसकी वजह से पूरे मार्ग पर दलदल हो गया है। तरंग रोड पर रविवार को ही दो बाइक सवार बुरी तरह रपट गए। एक को हल्की चोट भी आई। निर्माण एजेंसी आर एंड सी के इंजीनियर प्रदीप शुक्ला का कहना है कि होल की जानकारी नहीं है लेकिन गिट्टियां जरूर तितर-बितर हुईं हैं।
जलभराव से जूझ रहे शहर के यह इलाके
बारिश हो और आधे से अधिक शहर में जलभराव न हो मुमकिन ही नहीं है। जबकि मानसून से पहले नगर निगम के जिम्मेदारों ने जल निकासी का दावा किया था। महिला अस्पताल रोड, कसाब बाड़े से जीआईसी रोड, ऋषि टोला से सुभाष नगर रोड जलमग्न रही। वहीं फतेहगंज मकबरा रोड और लालबाग जैसे अधिकतर मोहल्ले में पानी ही पानी दिखाई दिया। बता दें कि जगह-जगह सीवर लाइन पड़ रही है। ऐसे में जल निकासी नहीं हो पा रही है।
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