
पीलीभीत: 46 फीसदी लाभार्थियों के नहीं गोल्डन कार्ड, 15 दिन से पोर्टल खराब, कैसे मिले लाभ?
पीलीभीत, अमृत विचार। हर घर स्वास्थ्य सेवा पहुंचने के लिए शासन की ओर से आयुष्मान भव: पखवाड़ा की शुरुआत की गई है। जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर की गई। इस अभियान के तहत आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को हर संभव मदद दिलाने का भरोसा दिलाया गया है, लेकिन बीते पांच सालों से आयुष्मान में काम कर रहे कर्मचारी आयुष्मान का लक्ष्य पूरा नहीं कर सके हैं। जबकि अब नया लक्ष्य भी जारी कर दिया गया है।
इसे सिस्टम की लापरवाही कहें या कुछ और.. अभी भी तमाम पात्र प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना से वंचित हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले में महज 54 प्रतिशत लाभार्थियों के आयुष्मान गोल्डन कार्ड जारी किए गए हैं। जबकि 46 प्रतिशत लाभार्थियों के कार्ड का पता ही नहीं है। आयुष्मान भव: पखबाड़ा शुरु हुआ तो पोर्टल ने दिक्कत करना शुरू कर दिया है। ऐसे में शासन की योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
बता दें कि 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ किया था। गरीबों को साल में पांच लाख तक के मुफ्त इलाज का प्रचार-प्रसार भी खूब किया गया। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर जिले में आयुष्मान योजना के लिए दो लाख 13 हजार 123 परिवार का चयन किया गया था। जिनके कार्ड बनना है। इसके लिए आयुष्मान मित्रों की तैनाती की गई, लेकिन चार साल से ज्यादा बीत जाने के बाद भी जिले के गरीबों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
आलम यह है कि दो लाख 13 हजार 123 के सापेक्ष एक लाख 78 हजार परिवार के कार्ड जारी किए गए हैं। वहीं परिवार के सापेक्ष कुल लाभार्थियों की संख्या 9,98,041 शामिल हैं। जिसमें 5.20 कार्ड जारी हो सके हैं। लेकिन विभागीय आंकड़ों के अनुसार, पांच साल भी बाद लक्ष्य के सापेक्ष 54 प्रतिशत ही आयुष्मान कार्ड बन पाए हैं। विभाग के अनुसार बाकी के कार्ड बनाने का काम लगातार चल रहा है। मगर लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है।
15 दिन से आयुष्मान का पोर्टल, नहीं हो रहा काम
भले ही आयुष्मान भव: पखवाड़ा की शुरुआत करते हुए लाभार्थियों को योजना का लाभ पहुंचाने के लिए रणनीति बनाते हुए दावे किए जा रहे हो, लेकिन धरातल पर कोई भी काम नहीं हो रहा है। चाहे फिर आयुष्मान कार्ड का प्रिंट निकालना हो या फिर नया कार्ड बनवाना होगा। पोर्टल में बदलाव होने के कारण उस पर काम चल रहा है।जिस वजह से बीते 15 दिनों से वेबसाइट दिक्कत कर रही है। जिस वजह से वेबसाइट पर काम नहीं हो रहा है। ऐसे में पात्र लाभार्थियों को कार्ड होने के बाद भी निजी अस्पताल में भुगतान करना पड़ रहा है। कर्मचारियों की मानें तो एक दो दिन में पोर्टल चालू हो जाएगा।
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