बरेली: दिखने लगे विदेशी मेहमान, मौसम सर्द होते ही बढ़ेगी चहलकदमी

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Published By Vishal Singh
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अक्टूबर और नवंबर में बड़ी संख्या में आते हैं प्रवासी पक्षी

बरेली, अमृत विचार। जिले में प्रवासी पक्षियों का आवागमन शुरू हो गया है। अक्टूबर और नवंबर के बीच इनके आने का सही समय माना जाता है लेकिन कई प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों के आने का सिलसिला सितंबर से ही शुरू हो गया है। वन विभाग ने विदेशी मेहमानों की निगरानी में टीमें लगाने की बात कही है। बर्ड वाचर भी सक्रिय हो गए हैं।

बर्ड वाचर काजल दास गुप्ता ने बताया कि सेंट्रल एशिया से आने वाले प्रवासी पक्षियों में शुरुआती दौर में कॉमन ग्रीन शैंक, कॉमन रेडशैंक, वुड सैंडपाइपर, कॉमन सैंडपाइपर, ग्रीन सैंडपाइपर आदि शामिल हैं। इनमें वुड सैंडपाइपर, कॉमन ग्रीनशैंक, ग्रे वेगटेल की तस्वीरें इसी सप्ताह उन्होंने अपने कैमरे में अलग-अलग स्थानों पर कैद की हैं। शुरुआत में आने वाले ये प्रवासी पक्षी खेतों के आसपास पाए जाने वाले कीट खाते हैं। सर्दी का मौसम शुरू होते ही कई और प्रजातियां प्रवासी पक्षी जिले में दिखाई देने लगेंगे।

उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे मौसम सर्द होगा कई प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां आबादी से दूर बड़े तालाबों में अठखेलिया करती नजर आने लगेंगी। जिनमें रूडी शेलडक, कॉमन टील, नार्दर्न पिनटेल, नार्दर्न शोवेलर, गेडवाल, टफ्टेड डक, कॉमन पोचार्ड और रेड क्रेस्टेड पोचार्ड जैसी प्रजातियां शामिल हैं।

वेटलैंड की निगरानी के लिए लगाईं टीमें
बीते सालों में वन विभाग ने जिन वेटलैंड पर प्रवासी पक्षियों को देखा था। वहां निगरानी के लिए टीमें लगाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही आसपास के इलाके में पक्षियों की देखरेख के लिए पक्षी मित्र भी बनाए जाएंगे। वन संरक्षक रुहेलखंड जोन विजय सिंह ने बताया कि अक्टूबर और नवंबर में प्रवासी पक्षी आने शुरू हो जाते हैं। रामगंगा के आसपास एक दर्जन से ज्यादा वेटलैंड हैं। जहां प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा करीब चार महीने तक रहता है। आंवला, रामनगर, फरीदपुर, भोजीपुरा आदि क्षेत्रों में भी प्रवासी पक्षी हर साल आते हैं।

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