अयोध्या : मेहरबान हुआ UPSIDC, भारत कल्याण प्रतिष्ठान में लगेगा 15 किलोवाट का ऑनग्रिड सोलर प्लांट
अयोध्या, अमृत विचार। अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की प्रदेश सरकार की घोषणा के बाद यूपीएसआईडीसी ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाया है। विपणन सहायक योजना के तहत रामनगरी के कारसेवकपुरम स्थित भारत कल्याण प्रतिष्ठान में 15 किलोवाट का ऑनग्रिड सोलर प्लांट स्थापित कराने का निर्णय लिया है। इस परियोजना को दो माह के भीतर पूरा कर लेने का लक्ष्य तय किया गया है और योजना के लिए लगभग पौने दस लाख रूपये खर्च किये जाएंगे।
हजारों करोड़ की योजनाओं से वैश्वकि नगरी के रूप में तब्दील हो रही अयोध्या को पर्यावरणीय दृष्टि से साफ-सुथरा बनाये रखने के लिए विभिन्न योजनाओं का खाका खींचा गया है। नगरी के पौराणिक कुंडों समेत अन्य का पुनर्निमाण तथा सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है और व्यवस्थाओं को इको फ्रेंडली बनाये जाने की योजना पर काम शुरू हुआ है। प्रदेश सरकार ने पारंपरिक विद्युत पर निर्भरता घटाने और स्वच्छ पर्यावरण के लिए रामनगरी को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने निर्णय लिया है। योजना को सफल बनाने के लिए कई बड़ी परियोजनाओं पर तो काम किया ही जा रहा है, साथ ही योजना में आमजन की भागीदारी बढ़ाने के लिए नेडा की ओर से अनुदान भी दिया जा रहा है। फ़िलहाल जनपद में लगभग 1000 किलोवाट क्षमता का सोलर सिस्टम स्थापित किया जा चुका है और राष्ट्रीय विद्युत् ताप परियोजना की ओर से 40 मेगावाट सोलर प्लांट की स्थापना पर काम शुरू किया गया है।
अब उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम लिमिटेड की ओर से विभाग की विपणन सहायता योजना के तहत कारसेवकपुरम के भारत कल्याण प्रतिष्ठान में 15 किलोवाट का ऑनग्रिड सोलर प्लांट लगाने के लिए प्रक्रिया शुरू की गई है। प्लांट के ऑनग्रिड होने के चलते परिसर में इस्तेमाल से बची बिजली को अन्य बिजली उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराया जाएगा।
नेडा के परियोजना अधिकारी डीएन पांडेय का कहना है कि स्वच्छ ऊर्जा अभियान के तहत ज्यादा से ज्यादा लोगों को सोलर प्लांट स्थापित कराने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। तमाम कंपनियां और संस्थाएं भी इसके लिए आगे आ रही हैं। विभाग की कोशिश प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप अयोध्या को सोलर सिटी बनाने की है।
किस पर होगा कितना खर्चा
योजना के तहत पूरी परियोजना पर कुल 9 लाख 71 हजार 453 रुपया खर्च किया जाएगा। इसमें से 6 लाख 71 हजार 753 रूपये सोलर पीवी मॉड्यूल विथ ग्रिड टाइ सोलर इनवर्टर आदि के लिए खर्च होंगे तथा 2 लाख 99 हजार 700 रूपये मशीनों के स्थापना तथा अर्थिंग व उपकरणों के लिए खर्च किये जाएंगे। एक किलोवाट क्षमता के लिए प्रति संसाधनों पर खर्चा 19 हजार 980 रूपये आंका गया है। जनवरी माह में प्रस्तावित प्राण प्रतिष्ठा समारोह के पूर्व इस परियोजना को पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य तय किया गया है।
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