बरेली: सात साल से जिला अस्पताल में नहीं हृदय रोग विशेषज्ञ, मरीज हो रहे परेशान

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Published By Vikas Babu
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निजी अस्पतालों की लगानी पड़ रही दौड़, मरीज हो रहे परेशान

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बरेली, अमृत विचार। अनियमित दिनचर्या और खानपान लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है। हृदय रोग से जुड़ी बीमारियां बढ़ रही हैं। जिले में भी हृदय रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है, मगर शासन की अनदेखी के चलते पिछले सात साल से जिला अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं है। इस वजह से हृदय रोगियों को इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है। हर साल शासन की ओर से जनप्रतिनिधि दौरे पर आ रहे हैं, मगर अब तक अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं करा पाए हैं।

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जिले में सबसे अधिक मरीज जिला अस्पताल में आते हैं। इनमें तीन से चार फीसदी मरीज हृदय रोग से ग्रसित होते हैं। लेकिन वर्ष 2016 से यहां हृदय रोग विशेषज्ञ तैनाती नहीं हो सकी है। जिससे मरीजों को मजबूरन हायर सेंटर या फिर निजी अस्पताल में इलाज कराना पड़ रहा है। वहीं आर्थिक रूप से कमजोर मरीज सबसे अधिक परेशानी झेल रहे हैं। वहीं, निजी अस्पतालों में तैनात 50 से अधिक हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की ओपीडी बढ़ रही है।

धूम्रपान की आदत, युवाओं को बना रही हृदय रोगी
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पंकज बंसल ने बताया कि हृदय में कोलेस्ट्रॉल जमने का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। बाद में यह धमनियों पर थक्के के रूप में जमा हो जाता है। एक ऐसी स्थिति आती है जब कोलेस्ट्रॉल की लेयर फट जाती है। बाद में यही हृदयघात की वजह बनता है। वहीं, ड्रग का सेवन करने से धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे हृदय को ऑक्सीजन और रक्त नहीं पहुंच पाता।

किसी भी रूप ने तंबाकू का सेवन खतरनाक
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. दीप सी पंत ने बताया कि कोविड के बाद युवाओं में हृदय संबंधी बीमारियां बढ़ी हैं। वायरस संक्रमण की वजह से धमनियों में ब्लॉकेज हुई। हाल ही में एक निजी मेडिकल कॉलेज में किए गए शोध के अनुसार जिले में 90 फीसदी मरीज हृदय संबंधी बीमारियों से ग्रसित मिले, जिनकी उम्र 40 वर्ष से कम रही। वह सभी किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। जिले में हर महीने 300-350 मरीज सामने आ रहे हैं। कहीं न कहीं अनियमित जीवन शैली भी हृदय संबंधी बीमारियों की वाहक बन रही है।

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