सदस्य राष्ट्र हृदय की बीमारियों को लेकर जागरूकता बढ़ाएं: WHO

Amrit Vichar Network
Published By Ashpreet
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नई दिल्ली। विश्व हृदय दिवस की पूर्व संध्या पर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दक्षिण-पूर्वी एशिया क्षेत्र ने अपने सदस्य राष्ट्रों से आग्रह किया है कि वे दिल की सेहत को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए वैश्विक आह्वान का हिस्सा बनें और ऐसे रोगों को रोकने, पता लगाने और उनका प्रबंधन करने के उपायों में तेजी लाएं।

दक्षिण-पूर्वी एशिया के लिए डब्ल्यूएचओ की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र में दुनिया की एक चौथाई आबादी रहती है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में गैर- संचारी रोगों से पीड़ित लोग रहते हैं और सालाना होने वाली मौतों में से 30 फीसदी का कारण ह्रदय संबंधी बीमारियां होती हैं।

सिंह ने कहा, “हृदय रोग से संबंधित इन मौतों में से लगभग आधी (48 प्रतिशत) मौतें समय से पहले होती हैं और इससे 30-70 साल के व्यक्ति प्रभावित होते हैं जो चिंताजनक है। इससे परिवारों, समुदायों और देशों पर सामाजिक-आर्थिक भार पड़ता है।

” हृदय रोगों का मुख्य कारण आरामदायक जीवनशैली है, जिनमें तंबाकू, शराब, अस्वास्थ्यकर आहार, खासकर उच्च मात्रा में नमक का सेवन और कम शारीरिक गतिविधियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि रक्तचाप और खून में शर्करा का बढ़ना अहम कारक हैं और प्राथमिक देखभाल में इनका पता लगाया जा सकता है और इनका पर्याप्त रूप से प्रबंधन किया जा सकता है।

क्षेत्र में हर चार वयस्कों में एक उच्च रक्तचाप से पीड़ित है और हर 10 में एक मुधमेह से पीड़ित है। तकरीबन 15 फीसदी लोग इनका प्रभावी उपचार कराते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने बताया कि इसके अलावा खून में कोलस्ट्रॉल बढ़ जाना और हृदय संबंधी गंभीर बीमारियों का ठीक तरह से प्रबंधन नहीं करना मृत्यु दर को बढ़ा देता है।

भारत का 2025 तक उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित 7.5 करोड़ लोगों तक मानक देखभाल पहुंचाने का लक्ष्य है और यह दुनियाभर में प्राथमिक स्वास्थ्य में गैर संचारी रोगों का सबसे बड़ा ‘कवर’ है।

सिंह ने कहा कि हृदय की बढ़ती बीमारियों को नियंत्रण करना पहली प्राथमिकता है और डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र ने चार अहम क्षेत्रों में कार्रवाई का आह्वान किया है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रों को ह्रदय संबंधी बीमारियों को अपने एजेंडे में सबसे ऊपर रखना चाहिए और नीति तथा कार्यक्रम स्तर पर प्रयासों का विस्तार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि साक्ष्य आधारित तंबाकू कानूनों को लागू करना चाहिए और स्वस्थ आहार और नमक का सेवन कम करने को प्रोत्साहित करना चाहिए। 

 

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