मुरादाबाद : जागरूकता के दावों पर बट्टा है दहेज प्रताड़ना का दंश, परामर्श केंद्र पर नहीं निपट रहे मामले
महिलाएं दहेज उत्पीड़न जैसे मामलों में रोज आखों में आंसू और होठों पर प्रताड़ना का दर्द लिए पुलिस स्टेशनों के चक्कर काटती दिख रहीं हैं
मुरादाबाद, अमृत विचार। सरकारी स्तर पर भले ही आधी आबादी को बराबरी का दर्जा देने का दावा है, मगर धरातल पर महिलाएं शोचनीय स्थिति में हैं। जागरूकता के बावजूद दहेज उत्पीड़न, दुष्कर्म जैसी प्रताड़ना झेल रही हैं। अब भी दहेज उत्पीड़न जैसी कुप्रथा का अंत नहीं हुआ है। शादी अमीर बाप की बेटी की हो या गरीब की, पिता हैसियत से अधिक दहेज देकर बेटी को विदा करता है। कुछ मामलों में तो वर पक्ष की ओर से नकद धनराशि, फ्लैट और महंगी कार आदि की मांग जारी है। या यूं कहें कि उपहार के नाम पर बेटी के माता-पिता को दहेजलोभियों द्वारा खूब लूटा जाना जारी है।
सामाजिक जागरूकता के दावों के बाद भी दहेज प्रताड़ना के मामलों में कमी नहीं आ रही। महिलाएं दहेज उत्पीड़न जैसे मामलों में रोज आखों में आंसू और होठों पर प्रताड़ना का दर्द लिए पुलिस स्टेशनों के चक्कर काटती दिख रहीं हैं। एसएसपी कार्यालय में रोज औसतन 20 पीड़िताएं दहेज और महिला उत्पीड़न की शिकायत लेकर पहुंच रही हैं। महिला थाना में भी महिलाएं इंसाफ के लिए गुहार लगाने पहुंच रही हैं।
प्रकरण-1 : पांच लाख और कार के लिए पीटा, घर से निकाला
कटघर थाना क्षेत्र की पीड़िता ने महिला थाने में दी तहरीर में बताया कि उसका विवाह 23 जून 2023 को भोजपुर थाना क्षेत्र में मिलक का पुल सिडलऊ निवासी सोनू के साथ हुआ था। लेकिन, शादी में मिले दहेज से ससुराल वाले खुश नहीं थे। वह आए दिन उस पर दहेज में कार व पांच लाख रुपये की मांग करने लगे। आरोप है कि दहेज की मांग पूरी न होने पर ससुराल वालों ने पीड़िता को मारपीट कर घर से निकाल दिया। इसके बाद 3 जुलाई को मायके में पीड़िता के साथ घर में घुसकर मारपीट की। महिला थाना पुलिस ने तहरीर के आधार पर सोनू, कांती देवी, सोनम, विजयपाल सिंह, शिवानी, मोनू और बिचौलिया के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।
प्रकरण-2 : बेटी पैदा होने पर घर से निकाला
भोजपुर क्षेत्र निवासी पीड़ित महिला ने महिला थाने में दी तहरीर में बताया कि 2 मई 2021 को उसकी शादी कुंदरकी थाना क्षेत्र में उदयपुर निवासी चंद्र किरन के साथ हुई थी। शादी में उसके पिता ने हैसियत के अनुसार करीब 9.20 लाख रुपये खर्च किए थे। लेकिन, शादी में मिले दहेज से ससुराल वाले खुश नहीं थे। वह आए दिन उससे एक लाख की नकदी और कार की मांग कर रहे थे। इसी दौरान उसने एक बेटी को जन्म दिया, जिसके बाद ससुराल वाले उसका मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न करने लगे। 7 जून 2023 को ससुराल वालों ने उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया। ससुराल वालों ने उसे मायके में घुसकर पीटा। शिकायत पर पुलिस ने चंद्र किरन, अतर सिंह, राधेश, पप्पू सिंह, मधु, दीपक, काजल, खुशबू आदि के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है।
आपसी सामंजस्य एवं विश्वास की कमी से बिगड़ रहे रिश्ते
दहेज उत्पीड़न के मामलों में वृद्धि की सबसे बड़ी वजह सामंजस्य एवं विश्वास की कमी है। ज्यादातर शादियां आजकल लड़के और लड़कियों की आपसी समझ के आधार पर हो रही हैं। इसमें या तो लड़के की तरफ से झूठ बोला जाता है या लड़की की तरफ से। यह दोनों अपनी बातें छिपाते हैं। फैमिली बैक ग्राउंड से लेकर इतिहास को भी छिपा लेते हैं। बाद में जब मामला खुलता है तो विवाद बढ़ता है। इसके बाद दहेज उत्पीड़न हथियार के रूप में इस्तेमाल होता है। वहीं कुछ मामले ऐसे भी आ रहे हैं जिसमें परिवार रिश्ता तो तय कर देते हैं मगर यह नहीं देखते कि उनका बेटा या बेटी उस परिवार के साथ सामंजस्य बैठा पाएंगे या नहीं। -गीतांजली पाण्डेय, सामाजिक कार्यकर्ता
महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त होकर लड़नी होगी लड़ाई
आजकल लोग रिश्तों से ज्यादा रुपयों को अहमियत दे रहे हैं। इससे रिश्तों में दूरियों बढ़ रही हैं। शादी से पहले लड़के वाले उसका मोल भाव करने लगे हैं। बिना दान-दहेज के शादी होना बंद हो गई हैं। जिस बहू को ससुराल वाले दहेज के लिए प्रताड़ित करते है। बाद में बही बहू जब सास बनती है तो वह अपने बेटे की शादी में खूब दहेज की अपेक्षा रखती है। मानवता, संवेदनाएं कम होती जा रही हैं। दहेज उत्पीड़न के मामले बढ़ने का एक कारण नशा भी है। नशे से पुरुषों की सोचने समझने की शक्ति जैसे खत्म हो गई है। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त होकर इसके खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी। - प्रो.अंजना दास, गोकुलदास हिंदू गर्ल्स कॉलेज
सरकार और पुलिस की मंशा आधी आबादी को उनका हक दिलाने की
महिला उत्पीड़न के मामलों में पुलिस सख्ती से कार्रवाई कर रही है। महिला थाना हो या परामर्श केंद्र दोनों जगहों पर पहले रिश्तों को टूटने से बचाने की कोशिश की जाती है। पति और पत्नी की काउंसिलिंग की जाती है। लेकिन, कई बार जब मामला ज्यादा बढ़ जाता है तब आरोपियों के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाती है। सरकार और पुलिस की मंशा आधी आबादी को उनका हक दिलाने की है। उसके लिए अधिकारी पूरी संजीदगी से काम कर रहे हैं।- अर्पित कपूर, सीओ सिविल लाइंस
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