अयोध्या : हुतात्माओं की आत्मशांति के लिए शुरू हुआ नवान्ह परायण 

करीब 60 विद्वान कर रहे है वाल्मीकि रामायण व रामचरितमानस का पाठ

अयोध्या : हुतात्माओं की आत्मशांति के लिए शुरू हुआ नवान्ह परायण 

अयोध्या, अमृत विचार। रामजन्मभूमि मंदिर की रक्षा व पुनः प्राप्ति के लिए 500 वर्षो में आत्मोत्सर्ग करने वाले हुतात्माओं की शांति के लिए वाल्मीकि रामायण व रामचरितमानस का नवान्ह पारायण प्रारम्भ हुआ।
 
राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले ट्रस्ट द्वारा कारसेवकों को श्रद्धांजलि देने के लिए इस आयोजन को किया जा रहा है। वहीं विहिप की शौर्ययात्रा भी निकल रही है। शौर्य यात्रा के दौरान विश्राम स्थलों पर राममंदिर आन्दोलन से जुड़ी गाथाएं तथा कारसेवकों की कहानियां लोगों को बताई जा रही है। विश्राम स्थल पर होने वाली छोटी सभाओं के लिए वक्ताओं को जिम्मेदारियां भी दी गयी है। 
 
विहिप मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि वाल्मीकि रामायण व रामचरितमानस का यह नवान्ह पारायण है। जो नौ दिन तक चलता है। इसमें 9 विद्वान वाल्मिकी रामायण का पाठ कर रहे है। वहीं करीब 51 विद्वानों के द्वारा रामचरितमानस का पाठ किया जा रहा है। 
 
मंगलवार को हुई शुरुआत 
हुतात्माओं की आत्मशांति के लिए 3 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक वाल्मीकि रामायण का पाठ रामनिवास मंदिर व रामचरितमानस का पाठ रामजन्मभूमि दर्शन मार्ग पर किया जा रहा है। मंगलवार को प्रातः 9 बजे से इसकी शुरुआत हुई। 
-चम्पतराय, महामंत्री श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट