बरेली: लोकसभा चुनाव...धर्मस्थलों का ईवीएम से कनेक्शन जोड़ने के चक्कर में भाजपा
पार्टी के विधायकों ने अपने क्षेत्र के धर्मस्थलों के कायाकल्प के लिए तैयार कराए करोड़ों के प्रस्ताव, कई को आननफानन मंजूरी, टेंडर प्रक्रिया भी शुरू
राकेश शर्मा, बरेली। लोकसभा चुनाव की तैयारियां भले ही अभी दिख न रही हों लेकिन जोरशोर से शुरू हो चुकी हैं। भाजपा के विधायकों ने अपने क्षेत्र के धर्मस्थलों के कायाकल्प के लिए करोड़ों के प्रस्ताव तैयार कराए हैं ताकि काम होने के बाद उसका असर चुनाव में ईवीएम पर भी दिखे। कई विधायकों के प्रस्तावों पर एस्टीमेट भी तैयार कराकर पर्यटन विभाग को भिजवा दिए गए हैं। इनमें ज्यादातर को आननफानन प्रशासनिक स्वीकृति भी दे दी गई है। कुछ प्रस्तावों पर टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
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लोकसभा चुनाव की तैयारियों से साफ है कि भाजपा धर्मस्थलों के जरिए लोगों को लुभाने की तैयारी में है। हाल ही में कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक करने आए प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह के सामने भी विधायकों ने पर्यटन विकास से संबंधित निर्माण कार्यों में तेजी लाने का मुद्दा भी उठाया था। जयवीर सिंह पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के भी मंत्री हैं। पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने उनके सामने समक्ष बरेली के कई धर्म स्थलों के एस्टीमेट के साथ प्रशासनिक स्वीकृति और टेंडर प्रक्रिया शुरू होने की रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
पर्यटन अधिकारियों की रिपोर्ट के अनुसार नवाबगंज विधायक डॉ. एमपी आर्य ने अपने विधानसभा क्षेत्र के गांव रिछौला ताराचंद्र में सुखराम धाम के विकास के लिए करीब 1.12 करोड़ का एस्टीमेट तैयार कराया है। इसका 19 सितंबर काे टेंडर ऊी निकाला जा चुका है।
बिथरी विधायक डॉ. राघवेंद्र शर्मा ने अपने विधानसभा क्षेत्र के गांव केसरपुर के प्राचीन शिव मंदिर के विकास के लिए करीब 2.18 करोड़ का एस्टीमेट तैयार कराकर प्रस्ताव पर्यटन निदेशालय भिजवाया है। कैबिनेट मंत्री एवं आंवला विधायक धर्मपाल सिंह ने अहिच्छत्र रामनगर/आगर सागर ताल जगन्नाथपुर के पर्यटन विकास के लिए 1.50 करोड़ का एस्टीमेट तैयार कराकर प्रस्ताव भेजा है। पिछले महीने इसकी स्वीकृति मिल चुकी है और टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
वनमंत्री एवं शहर विधायक डॉ. अरुण कुमार ने अलखनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए 3.33 करोड़ का एस्टीमेट तैयार कराया है जिसकी स्वीकृति मिलने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। डॉ. अरुण ने तुलसीमठ के जीर्णोद्धार के लिए भी 1.18 करोड़ का प्रस्ताव पर्यटन विभाग को भेजा है। इसे स्वीकृति मिलने 1.51 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति मिल चुकी है। 50 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति भी मिल चुकी है। पर्यटन विभाग ने शहर के राही होटल के उच्चीकरण और विस्तारीकरण का भी प्रस्ताव लखनऊ भेजा है।
पर्यटन विकास के नाम पर ग्रामीण इलाकों के कई धर्मस्थलों पर अब तक करोड़ों खर्च
पर्यटन विकास के लिए शहर विधानसभा क्षेत्र के अलखनाथ मंदिर के लिए उप्र आवास विकास परिषद निर्माण खंड रुहेलखंड 43.21 लाख रुपये अवमुक्त किए गए थे जिसमें उसने ने 41 लाख के काम कराए है। बहेड़ी में वंशीमठ के विकास के लिए अवमुक्त हुए 39.87 लाख में 37.56 लाख खर्च कर काम कराया गया है।
भोजीपुरा में प्राचीन रानी देवी तालाब के जीर्णोद्धार के लिए 43.81 लाख स्वीकृत हुए, 41.31 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। बिथरी चैनपुर के गोपालासिद्ध शिव मंदिर के लिए 43.43 लाख मिले। 41.08 लाख से काम पूरा हुआ है। नवाबगंज के सुखराम धाम मंदिर के लिए 39.03 लाख स्वीकृत किए थे जिसमें 37.13 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। अब इस मंदिर के निर्माण के लिए विधायक डॉ. एमपी आर्य ने अलग प्रस्ताव तैयार कराया है।
कैंट विधानसभा क्षेत्र के तपेश्वर नाथ मंदिर में 41.93 लाख से निर्माण कार्य कराए जा चुके हैं। फरीदपुर के प्राचीन शिव मंदिर पचौमी के पर्यटन विकास के लिए 45.07 लाख रुपये खर्च हुए हैं। मीरगंज के रहपुरा जागीर के शिव मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए स्वीकृत 45.22 लाख में से 35 लाख रुपये आवंटित हुए। इसमें 34 लाख खर्च हो चुके हैं लेकिन अभी 65 प्रतिशत काम ही हुआ है। यह निर्माण उप्र राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ करा रहा है।
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