कासगंज: हठधर्मिता के दोषी पाए गए जेई और एसडीओ, लगाया गया जुर्माना

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Published By Moazzam Beg
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कासगंज, अमृत विचार। नलकूप के लिए विद्युत कनेक्शन के लेने के लिए स्टीमेट तैयार कराया। आवेदक से धनराशि जमा करा ली। उपभोक्ता ने धनराशि भी जमा कर दी, लेकिन बिजली विभाग के एसडीओ और जेई हठधर्मी बनकर मनमानी करते रहे। उपभोक्ता को दर-दर भटकाते रहे।

इतना ही नहीं न्यायालय की कार्यवाही का खौफ नहीं दिखा। न्यायालय को भी संतुष्ट नहीं कर से। इस पर अब स्थाई लोक अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। एसडीओ और जेई पर एक-एक लाख रूपये का जुर्माना लगाते हुए नलकूप का संयोजन करने के आदेश दिए है। साथ ही सख्त हिदायत दे दी है।

मामला पटियाली तहसील क्षेत्र के कस्बा भरगैन का है। यहां के मोहम्मद आरिफ खान ने न्यायालय स्थाई लोक अदालत का सहारा लिया। उन्होंने दायर प्रार्थना पत्र में लिखा कि 10 मार्च 2021 को उन्होंने नलकूप संयोजन के लिए एक लाख 18 हजारा 399 रूपये स्टीमेट के आधार पर जमा किए। लाइन ट्रांसफार्मर लगाकर ट्यूबैल की प्रक्रिया आगे बढ़ा दी। विद्युत विभाग नलकूप संयोजन का मीटर भी लगा दिया, लेकिन संयोजन टेप लगाकर चालू नहीं किया। बार बार भटकते रहे। लगभग 50 हजार रुपये का नुकसान हुआ। जब विद्युत विभाग ने ध्यान नहीं दिया तो न्यायालय ने कार्यवाही की। 

बीते साल जून माह में पटियाली के उपखंडीय अधिकारी राहुल कुमार और स्थाई लोक अदालत के सदस्य बसंत शर्मा को निरीक्षण के लिए भेजा तब भी स्थिति स्पष्ट हुई कि कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन कनेक्शन फिर भी नहीं दिया। इसके लिए एसडीओ राहुल कुमार एवं जेई सुबोध कुमार प्रथम दृष्टिया दोषी रहे। न्यायालय ने दोनों पक्षों को नोटिस जारी किए, लेकिन हठधर्मी बने एसडीओ और जेई ने कोई ध्यान नहीं दिया। इस पर न्यायालय सख्त हुआ। 

स्थाई लोक अदालत अध्यक्ष चंद्रशेखर प्रसाद और सदस्य बसंत शर्मा ने एक पक्षीय आदेश सुनाया है और अपने आदेश में कहा है कि 10 दिन के अंदर एक-एक लाख रूपये क्षतिपूर्ति के रूप में जेई और एसडीओ स्थाई लोक अदालत के खाते में जमा करना सुनिश्चित करें। ऐसा न करने पर विधिक प्रक्रिया से धनराशि वसूल ली जाएगी। उपभोक्ता का संयोजन भी टेप करा दें।

विद्युत विभाग के जेई और एसडीओ मनमानी करते रहे। न्यायालय को भी गुमराह किया। स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष के निर्देशन में पीठ ने पूरा पक्ष जाना और उपभोक्ता के हित में यह निर्णय सुनाया गया है। - बसंत शर्मा, सदस्य स्थाई लोक अदालत।

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