मुरादाबाद : 97 लाख खर्च करने के बाद भी शुरू नहीं हुई एमआरआई जांच
अनदेखी : काश, सुविधाओं की कमी पर पड़ जाए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की नजर, जिला अस्पताल में 2021 में एमआरआई भवन का मुख्यमंत्री कर चुके हैं लोकार्पण
अब तक न तो मशीन आई और न इसे चलाने के लिए विशेषज्ञ रेडियोलाॅजिस्ट की तैनाती हुई
मुरादाबाद,अमृत विचार। मंडल मुख्यालय पर स्वास्थ्य सेवाओं की लचर व्यवस्था से निजी अस्पतालों में महंगे इलाज को मरीज मजबूर हैं। कहीं मानव संसाधन की कमी तो कहीं उपकरणों के न होने से गंभीर बीमारियों के मरीजों को दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ, बरेली जाकर इलाज कराने की मजबूरी है। जिला अस्पताल में 97 लाख रुपये खर्च कर एमआरआई मशीन लगाने के लिए अतिरिक्त भवन बनकर खड़ा हो गया, लेकिन अब तक मशीन न लगने से निजी सेंटरों पर महंगी जांच करानी पड़ रही है।
मंडल मुख्यालय के पं. दीनदयाल उपाध्याय जिला पुरुष अस्पताल में बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए 97 लाख खर्च कर अतिरिक्त कक्ष बनाकर कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश कंस्ट्रक्शन एंड लेबर डेवलेपमेंट फेडरेशन लिमिटेड (यूपीसीएलडीएफ) ने खड़ा कर दिया। मगर एमआरआई जांच सुविधा अभी तक शुरू नहीं हुई, क्योंकि न तो मशीन आई और न विशेषज्ञ चिकित्सक और अतिरिक्त स्टॉफ की तैनाती हुई। जिससे मरीजों को निजी डायग्नोस्टिक सेंटरों पर 5000-7000 रुपये खर्च कर जांच करानी पड़ रही है। ऐसे में 25 अक्टूबर को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांशु पंत का निरीक्षण होना है। काश, इस पर और मानव संसाधन की कमियों पर उनकी नजर पड़ जाए तो चिकित्सा सेवा बेहतर हो सकती है।
मुख्यमंत्री कर चुके हैं 2021 में लोकार्पण
जिला अस्पताल में 2021 में एमआरआई भवन बनकर तैयार हो गया। जिसका 15 फरवरी 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों लोकार्पण भी हो गया लेकिन, अभी तक न तो मशीन आई और न इसे चलाने के लिए विशेषज्ञ रेडियोलाॅजिस्ट की तैनाती की गई।
जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों का टोटा, 65 में से 35 पद खाली
मंडल मुख्यालय के पं. दीनदयाल उपाध्याय पुरुष चिकित्सालय में भी चिकित्सकों की कमी है। 65 में से 35 पद खाली पड़े हैं। विशेषज्ञ चिकित्सक न होने से कई गंभीर बीमारियों जैसे हृदयरोग, प्लास्टिक सर्जरी, न्यूरो आदि से संबंधित मरीजों को दिल्ली, मेरठ, लखनऊ की दौड़ लगानी पड़ती है। कई विभागों में सेवानिवृत्त चिकित्सकों को सरकार ने पुनर्नियोजित कर रखा है। नये चिकित्सकों के न आने से कई विभाग में प्रशिक्षु चिकित्सक मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
चिकित्साधिकारियों के पद खाली, आयुष्मान भव: की संकल्पना पर सवाल
मुरादाबाद, अमृत विचारः जिले में लेवल फोर के 17 में से 10 और लेवल 3 के 33 में 20 चिकित्साधिकारियों के पद खाली हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी के अधीन आठ डिप्टी सीएमओ के पद में से छह खाली हैं। केवल दो पर तैनाती है। इससे सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भवः संकल्पना साकार होने पर सवाल है।
एमआरआई मशीन शासन व महानिदेशालय स्तर से आनी है। भवन बना है। मशीन मिलते ही इसका संचालन कराएंगे। जहां तक चिकित्सक की बात है चिकित्सकों के 65 पद के बदले केवल 30 की तैनाती है। कई विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं हैं। इसकी सूचना शासन को भेजी जाती है।-डॉ. संगीता गुप्ता, प्रमुख अधीक्षक जिला अस्पताल
लेवल 4 व 3 के खाली पदों पर तैनाती शासन स्तर से होनी है। इसके लिए पत्र लिखा गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत स्थानीय स्तर पर वाक इन इंटरव्यू के माध्यम से भर्ती कराई जा रही है।-डॉ. कुलदीप सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी
ये भी पढ़ें : मुरादाबाद : स्वीकृत पद के आधे हैं पुलिसकर्मी, यातायात प्रबंध चुनौती
