मुरादाबाद : लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों को गठबंधन धर्म का डर

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Published By Priya
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सपा, रालोद से जुड़े नेता खुल कर नहीं कर पा रहे तैयारी, कांग्रेस में राजबब्बर-अजहरूद्दीन के नाम की चर्चा

विनोद श्रीवास्तव, मुरादाबाद, अमृत विचार। मुरादाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले दलों के इच्छुक प्रत्याशियों को अभी से गठबंधन धर्म का डर सता रहा है। गठबंधन में सीट बंटवारे में किसके हक में यहां की सीट जाएगी इसको लेकर असमंजस है। भाजपा में प्रत्याशी को लेकर कोई एक नाम स्पष्ट नहीं है। जबकि सपा, बसपा, कांग्रेस, रालोद आदि संगठन चुनाव पूर्व गठबंधन को लेकर अभी पशोपेश में हैं। 

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जिले की लोकसभा सीट वर्तमान में समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. एसटी हसन के पास है। वह लोकसभा में पार्टी के नेता भी हैं। ऐसे में उनकी फिर से दावेदारी भी मजबूत मानी जा रही है। हालांकि कई नये चेहरे भी इस सीट पर दावेदारी कर रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस से कभी राजबब्बर, कभी अजहरूद्दीन के नाम राजनीतिक गलियारों में तैर रहे हैं तो कई नये चेहरे भी चुनावी रणभूमि में उतरने के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। सत्ताधारी दल होने के चलते टिकट की सर्वाधिक दावेदारी भाजपा में ही है। पूर्व सांसद कुंवर सर्वेश सिंह के अलावा भाजपा के एक पूर्व राज्यसभा सांसद और एक पूर्व जिलाध्यक्ष का नाम चर्चा में है। 

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के गृह जनपद की सीट जीतना चुनौती : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के कंधे पर यूं तो प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर जीत का  दारोमदार है। लेकिन, उनके गृह जिले मुरादाबाद में लोकसभा सीट इस बार जीतना पार्टी और खुद उनके लिए नाक का सवाल है। हालांकि यह बड़ी चुनौती साबित हो रही है। क्योंकि पिछला चुनाव भाजपा हार चुकी है। 

क्या कहते हैं दलों के जिलाध्यक्ष
गठबंधन को लेकर निर्णय पार्टी हाईकमान लेगा। इस सीट पर वर्तमान में जनता का रुझान कांग्रेस की ओर है। जिसे भी पार्टी प्रत्याशी बनाएगी सभी मिलकर जिताएंगे। कांग्रेस हमेशा जनता के बीच रही है और रहेगी। इसलिए यहां की जनता ने कांग्रेस को चार बार यहां से अवसर दिया था। - असलम खुर्शीद, जिलाध्यक्ष कांग्रेस

टिकट वितरण में कोई अड़चन नहीं है। राष्ट्रीय नेतृत्व जो भी निर्णय लेगा सभी उसके साथ रहेंगे। सबका ध्येय जनता को झांसे में रखकर सत्ता में आई भाजपा को बेदखल करना है। सपा हमेशा देशहित की सोच रखती है। चुनाव की तैयारी बूथ स्तर तक चल रही है। -डीपी यादव, जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी

भाजपा कार्यकर्ता व कैडर आधारित पार्टी है। जनता के बीच रहकर हम हमेशा जनहित के लिए समर्पित रहने वाले हैं। टिकट किसको देना है यह पार्टी का प्रदेश व केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा। जो भी प्रत्याशी होगा उसे जिताने के लिए हर पदाधिकारी व कार्यकर्ता प्राणप्रण से जुटेंगे। इस समय वोट चेतना अभियान व बूथ सशक्तीकरण पर जोर है। -आकाश पाल, भाजपा जिलाध्यक्ष

राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के नेतृत्व में पार्टी स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगी। हर विधानसभा क्षेत्र के सेक्टरों में कैडर कैंप चल रहा है। इसमें पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल होकर बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की नीतियों व समतामूलक समाज की संकल्पना को मजबूत कर रहे हैं। -डॉ.सुनील आजाद, बसपा जिलाध्यक्ष

सर्वाधिक चार बार कांग्रेस-सपा ने दर्ज की है जीत
मुरादाबाद लोकसभा सीट पर 1952 से अब तक हुए 17 लोकसभा चुनाव में सर्वाधिक चार बार यह सीट भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के पास रही है। 1952 व 1957 में पार्टी के टिकट पर रामसरन ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर जनता पार्टी ने दो बार जीत कर अपना झंडा बुलंद किया। भाजपा को केवल 2014 के चुनाव में जीत हासिल हुई है। जब कुंवर सर्वेश सिंह ने यहां से जीत दर्ज कमल खिलाया था। 

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