मुरादाबाद : सरकारी राइफल से सीओ के गनर ने खुद को गोली से उड़ाया, डेढ़ साल पहले हुआ था विवाह

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Published By Priya
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गर्दन में मार ली गोली, करवाचौथ की रात में कर ली आत्महत्या, बिना एफआईआर दर्ज कराए पोस्टमार्टम के बाद कांस्टेबल बेटे का शव लेकर चले गए परिजन

मुरादाबाद, अमृत विचार। करवाचौथ की रात बुधवार को सीओ कोतवाली देशदीपक सिंह के गनर कांस्टेबल अजीत कुमार ने सरकारी राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। गोली उसके गर्दन में लगी है। अजीत अभी 28 वर्ष का ही था। डेढ़ वर्ष पहले ही इसका विवाह हुआ था। घटना की जानकारी मिलते ही रात में एसएसपी हेमराज मीना, एसपी सिटी अखिलेश भदौरिया व अन्य पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया।

मृतक अजीत कुमार मुजफ्फरनगर के थाना सिखेड़ा क्षेत्र के गांव मोहपुर के रहने वाले थे। नागफनी थाना प्रभारी चमन सिंह ने बताया कि इस घटना में अभी तक तहरीर नहीं मिली है। किसी के विरुद्ध कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है। पोस्टमार्टम के बाद उसके पिता पवन कुमार शव मुजफ्फरनगर ले गए। थाना प्रभारी ने बताया कि अजीत जिगर कॉलोनी में नट बाबा मंदिर के पास राकेश कुमार के तीन मंजिला मकान की दूसरी मंजिल वाले कमरे में रहता था। 

तीसरी मंजिल के कमरों में अन्य तीन-चार कांस्टेबल रहते हैं। कमरे में मृतक का रूम पार्टनर कांस्टेबल गौरव भी नहीं था, उसने दरवाजे की सिटकनी लगाकर अंदर ही सरकारी राइफल से गोली मार ली थी। रात में तीसरी मंजिल पर रहने वाला एक कांस्टेबल लघुशंका के लिए जगा था, उसने कमरे के दरवाजे से बाहर खून आते देखा तो अन्य साथियों को जगाकर जानकारी दी। इसके बाद नागफनी थाने में खबर की गई। थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कमरे के दरवाजे को धक्का देकर खोला तो वहां अजीत मृत पड़ा था और उसके आसपास काफी खून था।

 पड़ोस में सरकारी राइफल पड़ी थी। उधर, सीओ कोतवाली ने बताया कि मृतक कांस्टेबल अभी 30 अक्टूबर से हमराही के तौर पर उनके साथ तैनात हुआ था। इससे पहले वह पुलिस लाइन में नियुक्त था। वह अभी कुछ महीने पहले ही गाजियाबाद से स्थानांतरित होकर आया था और उसे पुलिस लाइन में तैनाती मिली थी। सीओ देश दीपक सिंह ने घटना रात के करीब नौ की होना बताया है।

 अजीत वर्ष 2019 बैच का कांस्टेबल था। उसका पत्नी से नौ-दस महीने से विवाद चल रहा था। दूसरी तरफ हापुड़ में हेड कांस्टेबल पद पर तैनात मृतक कांस्टेबल के पिता पवन कुमार ने बेटे की आत्महत्या का कारण बहू व उसके मायके वालों की तरफ से उनके लगातार परेशान करना बताया है। उन्होंने बताया कि नौ महीने पहले ही वह सामान समेत मायके चली गई थी। कई बार कोशिश करने के बाद भी वह लौटकर आने को तैयार नहीं थी। पत्नी के कहने पर ही बेटा अजीत पीएसी छोड़कर सिविल पुलिस में आया था। बहू चंचल बेटे से अपने मां-बाप और बड़े भाई को छोड़ देने का दबाव बना रही थी। इसी वजह से अजीत अवसाद में रहने लगा था। मृतक के परिवार में अभी कोई संतान नहीं थी।

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