हल्द्वानी: वन भूमि का हस्तांतरण नहीं हुआ, अभी भी अधर में तीनपानी आईएसबीटी 

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Published By Bhupesh Kanaujia
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हल्द्वानी, अमृत विचार। बरेली रोड तीनपानी में आईएसबीटी का प्रस्ताव अधर में लटका हुआ है। यहां 10 एकड़ भूमि पर आईएसबीटी का निर्माण होना है। लंबे समय से इसको बनाने की कवायद चल रही है लेकिन वन भूमि होने के कारण मामला लटका हुआ है। आरटीओ संदीप सैनी ने बताया कि केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव गया हुआ है।

वहां से वन भूमि पर निर्माण की अनुमति मिलने पर प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाई जायेगी। 10 हेक्टेयर भूमि पर बनने वाले आईएसबीटी में कई सुविधायें होंगी। गौलापार में बनने वाले पुराने प्रोजेक्ट के अनुसार इसमें भी कामर्शियल  कांपलेक्स, रोडवेज बसों के साथ ही प्राइवेट बसों और अन्य वाहनों के लिये बड़ी पार्किंग शामिल होंगी।

साल दर साल बीतने पर प्रोजेक्ट की लागत भी बढ़ना तय माना जा रहा है। 6 साल पहले गौलापार में 8 हेक्टेयर भूमि पर बनने वाले आईएसबीटी की लागत 75 करोड़ रुपये थी। तीनपानी में 10 हेक्टेयर भूमि है।  इसमें नहर को कवर करने के साथ ही बरेली रोड में सड़क चौड़ीकरण भी किया जाना है जिससे प्रोजेक्ट की लागत भी बढ़ने का अनुमान है।

आईएसबीटी वर्तमान में शहर की जरूरत बन गया है। हल्द्वानी बस स्टेशन 50 साल से अधिक पुराना है। यहां कम जगह होने के कारण जाम लग जाता है और बसें कई देर तक अपने गंतव्य को रवाना नहीं हो पाती जिससे यात्रियों के साथ ही चालक और परिचालकों को भी दिक्कतें होती हैं। आईएसबीटी का सपना साकार हो जाने पर ये दिक्कतें दूर हो जाती।  


गौलापार में 2015 में 75 करोड़ रुपये की लागत से आठ हेक्टेयर भूमि पर आईएसबीटी के निर्माण को मंजूरी मिली थी। वनभूमि हस्तांतरण होने के बाद काम भी शुरू हो गया था लेकिन 2017 में नई सरकार के आने के बाद इसका काम रुक गया। इसके बाद तीनपानी पर उपयुक्त जगह मिलने की बात हुई। 6 साल बीतने पर भी आज तक मामला लटका हुआ है। आरटीओ संदीप सैनी ने बताया कि केंद्र सरकार से वन भूमि हस्तांतरण की मंजूरी मिलनी है। मंजूरी मिलने के बाद ही डीपीआर बनाई जायेगी। 


वित्तीय स्वीकृति न मिलने पर हिल डिपो का प्रस्ताव भी लटका
काठगोदाम में रोडवेज की 3.5 एकड़ की भूमि पर हिल डिपो बनाने का प्रस्ताव बनाया गया था। पूर्व में 60 करोड़ रुपये की डीपीआर बनाकर शासन को भेजी गई थी जिसमें संशोधन के लिये शासन ने वापस भेजा था। 1 साल से अधिक बीतने पर हिल डिपो का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। हिल डिपो बनने पर हल्द्वानी से पर्वतीय मार्गों पर जाने वाली रोडवेस बसों का संचालन यहीं से किया जाता।

पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर, रानीखेत सहित अन्य पर्वतीय मार्ग पर जाने वाले यात्रियों के साथ ही केमू और टैक्सियों के जरिये पहाड़ से मैदानी मार्ग पर जाने वाले यात्रियों को भी सीधे रोडवेज बस की सुविधा मिलती।   परिवहन निगम के महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन ने पूर्व में बताया था कि परिवहन विभाग ने हिल डिपो की डीपीआर बनाकर शासन को भेज दी है। शासन से वित्तीय स्वीकृति मिलने पर निर्माण शुरू किया जायेगा।

इस तरह से होगी नई व्यवस्था
हल्द्वानी। भविष्य में हल्द्वानी में सार्वजनिक परिवहन को लेकर नई तरह की व्यवस्था होगी। काठगोदाम के हिलडिपो से पहाड़ को बसें जाएंगी। हिलडिपो में पहाड़ की बसों का ठहराव किया जाएगा। पुराना बस अड्डा शहर में बसों के लिए केवल स्टॉपेज का काम करेगा। यहां बसों का ठहराव नहीं होगा। तीनपानी आईएसबीटी से मैदानी क्षेत्रों की बसें भेजी जाएंगी। यहां केवल मैदानी क्षेत्र की बसों का ठहराव होगा। परिवहन विभाग के अनुसार काठगोदाम में हिलडिपो को भी आईएसबीटी की तर्ज पर ही विकसित किया जाएगा।

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