Diwali 2023: ध्यान दें! दीपावली पर आग या पटाखे से जलने पर हैलट नहीं उर्सला अस्पताल जाएं
कानपुर में आग से जलने पर हैलट नहीं उर्सला अस्पताल जाएं।
कानपुर में दीपावली पर आग या पटाखे से जलने पर हैलट नहीं उर्सला अस्पताल जाएं। उर्सला अस्पताल में सिर्फ आठ ही बेड है।
कानपुर, अमृत विचार। दीपावली पर अगर आग या पटाखे से जल जाएं तो हैलट अस्पताल नहीं जाएं। वहां बर्न वार्ड की सुविधा नहीं है। प्रारंभिक उपचार देकर उर्सला रेफर कर दिया जाएगा। उर्सला में भी सिर्फ आठ बेड का बर्न वार्ड है। ऐसे में आग से जले मरीजों की संख्या बढ़ने पर उपचार में काफी दिक्कत हो सकती है।
40 लाख से अधिक आबादी वाले शहर में आग से जले लोगों के इलाज के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। सरकारी स्तर पर उर्सला अस्पताल में बर्न वार्ड में आठ बेड हैं। हैलट में बर्न यूनिट निमार्णाधीन है।
ऐसे में आग से जलने वाले लोगों को भारी परेशानी हो सकती है या निजी अस्पतालों की सहारा लेना होगा। हैलट के प्रमुख अधीक्षक डॉ.आरके सिंह ने बताया कि परिसर में बर्न यूनिट का निर्माण 80 फीसदी हो गया है। दीपावली में जले मरीज आते हैं तो इमरजेंसी में प्रारंभिक उपचार देकर उर्सला रेफर किया जाएगा। वार्ड नंबर दो भी ऐसे मरीजों के लिए तैयार किया गया है।
हैलट में 6.75 करोड़ से बन रही बर्न यूनिट
हैलट अस्पताल में इमरजेंसी के सामने खाली स्थान पर बर्न यूनिट का निर्माण चल रहा है। इस कारण यहां झुलसे मरीज भर्ती नहीं किए जा रहे हैं। इसकी लागत 6.75 करोड़ रुपये है। 26 बेड की इस यूनिट को सरकारी कंपनी सीएडडीएस बना रही है। लेकिन काम धीमा है। बर्न यूनिट के लिए शासन से 53 लाख का बजट मिलना भी बाकी है। इसके अलावा यहां करीब तीन करोड़ के उपकरण भी लगने है।
उर्सला में आठ बेड का बर्न यूनिट है। इसके अलावा एनवी-दो वार्ड में छह बेड की और व्यवस्था की गई है। इसमें महिलाओं को भर्ती किया जाएगा। इमरजेंसी में भी आग से जलने वालों को तत्काल उपचार मिलेगा।- डॉ.फैसल नफिस, प्रबंधक, उर्सला।
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