Interview: विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से अमृत विचार ने की बातचीत, बोले- डिजिटल होगा विधानसभा का शीतकालीन सत्र

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Published By Nitesh Mishra
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विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से अमृत विचार ने की बातचीत।

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से अमृत विचार ने खास बातचीत की। उन्होंने कहा कि विधानसभा का शीतकालीन सत्र डिजिटल होगा।

कानपुर, [महेश शर्मा]। अपने पद के माध्यम से कीर्तिमान गढ़ने वाले विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना इसी 28 नवंबर से एक दिसंबर तक चलने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र एक नये अवतार में दिखेंगे। इसकी वजह यह है कि विधानसभा का कार्य संचालन नियमावली 2023 के तहत किया जाएगा। जिम्मेदारी महाना के कंधे पर है।

डिजिटल युग में महाना ने न केवल पेपरलेस सदन संचालन बल्कि महिलाओं और युवा विधायकों की प्रभावी भागीदारी और सवाल पूछने से बचने वाले विधायकों को ऐसा न करने को प्रेरित करके यूपी विधानसभा का नाम ऊंचा किया। इनके प्रयोगों की बाकी विधानसभा में मांग हो रही है। नयी नियमावली में विधायकों को विधानसभा में मोबाइल ले जाने, झंडे व अन्य प्रतीकात्मक सामग्री आदि के प्रदर्शन पर रोक रहेगी।

महाना इसे प्रभावी बनाने को सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों के संपर्क में हैं। यही नहीं अब विधायक सदन में पेपर भी नहीं फाड़ पाएंगे। महाना विधानसभा की नयी नियमावली को लागू करने को चुनौती बिल्कुल नही मानते। वह कहते हैं कि सबका सहयोग मिलेगा। एक वीडियो दिखाते हुए बताते हैं कि देखिए नेता विपक्ष बोल रहे हैं और किसी बात पर खिन्न होकर उन्होंने सदन छोड़ दिया था।

सतीश महाना समाचार

यही नहीं विपक्ष के ही एक विधायक को सदन तत्काल छोड़ने के तीस सेकेंड का अल्टीमेटम दिया और विधायक को सदन छोड़कर जाना पड़ा। उनमें अध्यक्षी ठसक बरकरार है। महाना ऐसे नेता हैं जिनके पास जनता के विश्वास की थाती है। उन्हें जनता का भरपूर समर्थन और प्यार मिला है। तभी तो आठ से लगातार विधायकी जीत रहे हैं। दीवाली के मौके पर लोगों से घुलमिलकर बतियाने के दौरान अमृत विचार से बातचीत का समय उन्होंने निकाला। उनसे बातचीत के प्रमुख अंश इस प्रकार हैं।

सवाल-नयी नियमावली के तहत संचालित होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में क्या नया दिखेगा?

जवाब- बहुत कुछ। पिछले सत्र में ऐसा करके दिखा दिया है। पेपरलेस सदन संचालन प्रमाण है। अब परिसर में कोई सदस्य धूम्रपान करता नहीं दिखेगा। यदि दिखा तो निर्धारित अर्थदंड से दोगुना वसूला जाएगा। शस्त्र प्रदर्शन या ले जाने पर रोक रहेगी। महिला सदस्यों को बोलने का पूरा मौका मिलेगा। नियमावली-2023 में ई-विधान के अंतर्गत सदन की कार्रवाई को ज्यादा से ज्यादा ऑनलाइन करने का प्रावधान किया गया है।

सवाल- तो क्या पेपर ले जाने पर रोक लगेगी?

जवाब- नहीं ऐसा भी नहीं है। यदि कोई सदस्य तत्काल कोई बात लिखित देना चाहता है तो छूट रहेगी। पर पहले की तरह नहीं, कि तैश में आकर पेपर ही फाड़ देते थे। यही नहीं, विधायकों के सवालों के जवाब सहित अन्य जानकारियां संबंधित विभाग से ऑनलाइन ली जा सकेंगी और ऑनलाइन ही विधायकों को दी जाएंगी। ईमेल व मोबाइल मैसेज से भी सत्र आहूत होने की सूचना दी जाएगी। मतलब सब डिजिटल।

सवाल- सदस्यों का आक्रामक आचरण व्यवहार पर कैसे रोक लगाएंगे?

जवाब- देखिए नई नियमावली में सदन में सदन के सदस्यों के आचरण व व्यवहार तय किये गए हैं जिसके अनुरूप चलना होगा। वरना कार्रवाई होगी। अब वे किसी दस्तावेज को फाड़ नहीं सकेंगे। भाषण के टाइम किसी अजनबी की ओर संकेत नहीं कर  सकेंगे और न ही उसकी तारीफ करेंगे(पिछले सदन में एक बार सुरेंद्र मैथानी को टोका था)। और यह भी है कि विधानसभा अध्यक्ष की ओर पीठ करके न खड़े और न बैठ सकेंगे।

सवाल- पहले तो सदन में गैरजरूरी पठन-पाठन सामग्री बांट दी जाती थी। अब क्या व्यवस्था होगी?

जवाब- कड़ाई से रोक रहेगी। कोई भी सदस्य किसी भी गैर जरूरी साहित्य, प्रश्नावली, पुस्तिका, प्रेस टिप्पणी, पर्चे नहीं बांट सकेंगे। यही नहीं सदन की लॉबी में तेज आवाज में बात करने, ठठाकर हंसने की अनुमति नहीं होगी। सदन का ध्यान भंग होने की नौबत नहीं आने दी जाएगी। विधानसभा का सत्र अब सात दिन के नोटिस पर आहूत हो सकेगा। शासन की ओर से विधानसभा सचिवालय को सत्र आहूत करने की तिथि से सात दिन पहले सूचना देनी होगी। तारांकित प्रश्न पर अधिकतम दो पूरक प्रश्न पूछे जा सकेंगे।

सवाल- विधायकों के प्रोटोकॉल तोड़ने की प्राय: खबरें आती हैं….

जवाब- ऐसे मामले मैं खुद संज्ञान में लेता हूं। किसी भी विधायक के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाले अफसरों को तलब करूंगा। चाहे वे जहां के भी हो।

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