नौ मई को सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने वाले बख्शे नहीं जाने चाहिए: कार्यवाहक प्रधानमंत्री काकड़

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Published By Priya
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकड़ ने कहा कि इस साल नौ मई को सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हुए अभूतपूर्व हमलों में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए और उन पर सैन्य अदालतों में मुकदमा चलाया जाना चाहिए। ‘जियो न्यूज’ के साथ रविवार को एक साक्षात्कार में, काकड़ ने कथित भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में नौ मई की हुई घटनाओं का जिक्र किया। काकड़ ने कहा कि अगर लोग देश की सुरक्षा करने वाली संस्थाओं पर ही हमला करते हैं तो उन पर कानून के मुताबिक सैन्य अदालतों में मुकदमा चलाया जाना चाहिए। 

नौ मई की हिंसा में कथित रूप से शामिल लोगों के सैन्य मुकदमों को रद्द करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ सरकार की अपील पर, काकड़ ने कहा, ‘‘यह बिल्कुल उचित है कि अगर किसी ने किसी सैन्य प्रतिष्ठान पर हमला किया तो उसके खिलाफ सैन्य अदालतों में मुकदमा चलाया जाना चाहिए।’’ प्रधानमंत्री ने उनकी सरकार पर कुछ राजनीतिक दलों के प्रति पक्षपाती होने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि आम चुनाव कराना तथा निर्वाचित सरकार को जिम्मेदारियां सौंपना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। पाकिस्तान में आगामी आम चुनाव की ‘‘पारदर्शिता’’ के बारे में दो प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, काकड़ ने रविवार रात कहा कि ‘‘पीड़ित कार्ड’’ का खेल कोई भी राजनीतिक दल आसानी से खेल सकता है। 

उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल आम तौर पर अपने मतदाताओं को अलग-अलग तरीकों से आकर्षित करने की कोशिश करते हैं और ऐसे आरोप उनकी रणनीति हो सकते हैं। पाकिस्तान में अगले साल आठ फरवरी को चुनाव होने हैं। जैसे-जैसे आम चुनाव करीब आ रहे हैं, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) बार-बार शिकायत कर रहे हैं कि चुनावों से पहले उन्हें समान अवसर से वंचित किया जा रहा है। मुख्यधारा की दोनों पार्टियों ने आरोप लगाया कि कार्यवाहक सरकार पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी को ‘‘तरजीह‘’ दे रही है और पीएमएल-एन की सत्ता में वापसी का मार्ग प्रशस्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। 

इससे पहले, पीपीपी के उपाध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने अपनी पार्टी को कभी भी समान अवसर नहीं दिये जाने की शिकायत करते हुए कहा था कि पीपीपी चुनावों से पहले से ही खुद को साबित करने के लिए समान अवसर नहीं दिये जाने को लेकर लगातार चिंता व्यक्त करती आ रही है। पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान अदियाला जेल में बंद हैं और उनकी पार्टी के नेतृत्व का दावा है कि उन्हें चुनाव अभियान चलाने की भी अनुमति नहीं है। स्थिति स्पष्ट करने के लिए, काकड़ ने रविवार रात ‘जियो न्यूज’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘जल्द से जल्द चुनाव कराना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम जिम्मेदारियां (आगामी) चुनी हुई सरकार को सौंपना चाहते हैं।’’ 

मुख्यधारा के दो दलों द्वारा उनकी सरकार के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए, प्रधानमंत्री ने पूछा, ‘‘हमने ऐसा क्या किया है कि एक नकारात्मक धारणा बनाई जा रही है कि हमारा किसी राजनीतिक दल के प्रति पक्षपाती रवैया है?’’ उन्होंने पूछा कि क्या उनकी सरकार ने ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री (इमरान खान) को जेल भेजा था?’’ काकड़ ने स्पष्ट किया कि अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान- जिन्हें पिछले साल अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से पद से हटा दिया गया था, को अगस्त में कार्यवाहक व्यवस्था के गठन से पहले गिरफ्तार कर लिया गया था। क्रिकेटर से नेता बने खान को पांच अगस्त को तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद लाहौर में उनके जमान पार्क आवास से गिरफ्तार कर लिया गया था। 

पूर्व सीनेटर और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के नेता काकड़ ने 14 अगस्त को पाकिस्तान के आठवें कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। प्रधानमंत्री ने कहा कि खान को कानूनी रूप से गिरफ्तार किया गया था। काकड़ ने कहा कि यह गलत होता अगर खान को ‘‘शाही आदेश के जरिए सभी आरोपों से बरी कर दिया जाता’’। कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने कहा कि वे कानूनी तौर पर ऐसा नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, ‘‘आरोप लगाने से पहले 10 बार सोचें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पीटीआई अध्यक्ष जेल में सुरक्षित हैं।’’ 

उन्होंने कहा कि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी कानूनी जिम्मेदारी है। काकड़ ने खान के जीवन पर खतरे का दावा करने वाली खबरों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘पीटीआई अध्यक्ष के साथ किसी की व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है।’’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि कार्यवाहक सरकार 71 वर्षीय खान से ‘‘व्यक्तिगत बदला’’ लेना चाहती है।

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