शाहजहांपुर: ढाई घाट गंगा तट पर बसने लगा तंबुओं का शहर, कल से मेला शुरू
मिर्जापुर, अमृत विचार। गंगा तट ढाई घाट पर 23 नवंबर से मेले का शुभारंभ हो रहा है। मेले में दुकानदार पहुंचने लगे हैं। घाटों पर अभी भी सफाई न होने से स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
श्रृंगी ऋषि की तपोस्थली ढाई घाट गंगा तट पर तंबुओं का शहर बसने लगा है। 23 नवंबर से शुरू हो रहे मेले का मुख्य पर्व 27 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा को है। मुख्य पर्व पर पीलीभीत, लखीमपुर, सीतापुर, हरदोई, बदायूं समेत दूरदराज के जनपदों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए आते हैं। मेले में लगने वाले पशु नखासे में दूसरे प्रांत के व्यापारी भी पशुओं की खरीद-फरोख्त करते हैं। मेले की व्यवस्था का जिम्मा जिला पंचायत के हाथ में है। मेले की सुरक्षा व्यवस्था के लिए मेला स्थल पर अस्थाई कोतवाली बना दी गई है।
मेले की गतिविधियों को आदान-प्रदान करने के लिए मेला कोतवाली को वायरलेस सेट से लैस कर दिया गया है। मेले में अराजक तत्वों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं। गंगा घाटों पर किसी अनहोनी से बचने के लिए गोताखोर तैनात रहेंगे। एसडीएम कलान महेश कुमार मेला मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात रहेंगे।
मिर्जापुर कोतवाल विनोद कुमार तोमर मेलार्थियों की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभालेंगे। मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं तथा दुकानदारों के लिए प्रकाश , पेयजल, शौचालय, सडक, आवास आदि की व्यवस्थाएं जिला पंचायत द्वारा ठेके पर पूरी कराई गई है।
मेले में लगाया गया भारी सुरक्षा बल
मेले की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने जनपद के विभिन्न थानों से 15 उपनिरीक्षक, 20 मुख्य आरक्षी, 50 आरक्षी,15 महिला आरक्षी, पांच आरक्षी यातायात पुलिस तथा एक गारद के अलावा आग पर काबू पाने के लिए अग्निशमन दल सहित भारी फोर्स को लगाया जाएगा।
ढाई घाट पर 23 नवंबर से मेले का शुभारंभ हो रहा है। मेले में दुकानदार पहुंचने लगे हैं। घाटों पर जहां गंदगी है, वहां सफाई कराई जा रही है। ज्यादातर व्यवस्थाओं को दुरूस्त कर लिया गया है।-महेश कुमार, एसडीएम कलान
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