बरेली: सावधान ! कश्मीरी मिर्च पाउडर के नाम पर बाजार में बिक रहा रोली वाला रंग

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Published By Om Parkash chaubey
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शादी-समारोह में वेज और नॉनवेज खाने में खूब हो रहा इसका प्रयोग, अखाद्य लिखा होने के बाद भी दुकानदार दे रहे रोली वाला रंग

मोनिस खान, बरेली, अमृत विचार: शादी ब्याह का सीजन है, जाहिर है जमकर व्यंजन का जायका लोग ले रहे होंगे, लेकिन यह जायका आपकी जिंदगी में जहर घोल सकता है, क्योंकि कई प्रकार के व्यंजनों में रंगत लाने वाली कश्मीरी मिर्च पाउडर की जगह पूजन सामग्री के रूप में इस्तेमाल होने वाली टीके वाली रोली को बाजार में खपाया जा रहा है।

अखाद्य की चेतावनी लिखी होने के बावजूद लोग इसे खरीद भी रहे हैं। वहीं किराना दुकानदारों को कश्मीरी मिर्च के नाम पर इसे देने में कोई गुरेज भी नहीं। अमृत विचार की टीम ने गुरुवार को शाहमतगंज, गंगापुर, सैलानी जैसे इलाकों में मौजूद किराना दुकानों पर जाकर कश्मीरी मिर्च के नाम पर बिक रहे रोली पाउडर की हकीकत जानने का प्रयास किया।

दुकानदारों से खाने में इस्तेमाल होने वाली कश्मीरी मिर्च मांगी तो कानपुर में तैयार एक लोकल कंपनी का रोली पाउडर का डिब्बा पकड़ा दिया गया। दुकानदार से जब कहा गया कि यह तो रोली पाउडर है और इस पर अखाद्य भी लिखा है तो लगभग सभी दुकानदारों का कहना था कि हलवाई से लेकर नानबाई तक इसका इस्तेमाल खाने में करते हैं। नॉनवेज में चिकन कोरमा, मटन कोरमा, पनीर आदि व्यंजनों में इसका इस्तेमाल रंगत के लिए किया जाता है। इसके अलावा घरेलू इस्तेमाल भी खूब लिया जाता है।

हलवाई को चाहिए रंग, सेहत के लिए आप रहें फिक्रमंद: किसी हलवाई या नानबाई को आपने शादी या पार्टी में खाना पकाने का ठेका दिया है तो उसको केवल आपको खुश करने के लिए खाने के रंगत से मतलब होगा। किराना एसोसिएशन के उपाध्यक्ष नरेंद्र आहूजा ने बताया कि बीच में मिर्च के नाम पर बिकने वाले रोली पाउडर पर रोक लगी थी। फैक्ट्री भी बंद हो गई थी।

लेकिन इसकी मांग इतनी है कि दोबारा बाजार में बिकने लगी। लोग इससे होने वाले साइड इफेक्ट के बारे में नहीं जान रहे हैं। खास तौर से हलवाई को यही रंग चाहिए होता है। कुछ तो ब्लैक में भी लेने को तैयार होते हैं। ऐसे में लोगों को खुद ही जागरूक होना पड़ेगा।

आपका लिवर भी खराब कर सकता है रोली पाउडर: वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. राहुल वाजपेयी ने बताया कि अखाद्य रंगों का खाने में इस्तेमाल करने से यह हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है, पाचन तंत्र को बिगाड़ सकता है। पूरा मुंह और खाने की नली को नुकसान पहुंचा सकता है। लिवर पर भी सीधा असर कर सकता है। इसके अलावा भी कई तरीके की बीमारियां हमें घेर सकती हैं। लिहाजा सेहत का ख्याल रखना है तो अखाद्य रंगों से बचना पड़ेगा।

सस्ते के चक्कर में सेहत से खिलवाड़: अधिकतर हलवाई और कैटर्स लोगों की सेहत के साथ सस्ते के चक्कर में खिलवाड़ कर रहे हैं। नामी कंपनियों की कश्मीरी मिर्च जहां 100 से 120 रुपये तक है तो वहीं कश्मीरी मिर्च के नाम पर बेचा जा रहा रोली पाउडर 15 रुपये में आसानी से मिल जाता है। यही वजह है कि हलवाई और नानबाई इसका इस्तेमाल करते हैं। वहीं रंग के मामले में इसके परिणाम भी नामी कंपनियों के कश्मीरी मिर्च से कहीं ज्यादा बेहतर होते हैं।

अगर कहीं किसी होटल में रोली पाउडर का इस्तेमाल होता पाया गया तो वहां सैंपल लेकर कार्रवाई की जाएगी। अगर कहीं कश्मीरी पाउडर के नाम पर भी इसे बेचा जा रहा तो चेक कराया जाएगा।- अपूर्व श्रीवास्तव, सहायक आयुक्त, द्वितीय (खाद्य) एफएसडीए

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