बरेली: आरोग्य मेले का सच... कई सेंटरों पर ताला, स्टाफ नदारद
बरेली, अमृत विचार। गरीब लोगों को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं देने के सरकारी दावे हवाई हैं। मुख्यमंत्री आरोग्य मेले तक कागजों पर की जाने वाली खानापूरी तक सीमित रह गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में इन मेलों में भले ही मरीजों की भारी संख्या दिखती हो लेकिन असलियत यह है कि स्वास्थ्य केंद्रों पर मेले के दौरान भी ताले डालकर स्टाफ नदारद हो जाता है।
रविवार को अमृत विचार की टीम ने कुछ केंद्रों का जायजा लिया तो उन पर ताला पड़ा नजर आया। स्टाफ का भी कहीं अतापता नहीं था। मरीजों को मायूस होकर लौटना पड़ रहा था। हालांकि शाम को स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार रविवार को जिले के 71 स्वास्थ्य केंद्रों पर 3510 मरीजों का इलाज किया गया। इनमें सर्वाधिक रोगी बुखार के थे।
संजयनगर : दो बजे ही सन्नाटा
शासन का आदेश है कि रविवार को मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले के लिए शाम चार बजे तक स्वास्थ्य केंद्र खोले जाएं लेकिन दोपहर दो बजे ही संजय नगर के नगरीय स्वास्थ्य केंद्र पर स्टाफ नदारद था। यहां मेन गेट खुला हुआ था लेकिन अंदर ताला पड़ा था। एक भी कर्मचारी मौजूद नहीं मिला। आसपास के लोगों ने बताया कि करीब घंटा भर पहले ही स्टाफ चला गया था।
हजियापुर: निराश होकर लौटे मरीज
हजियापुर के नगरीय स्वास्थ्य केंद्र के गेट भी करीब सवा दो बजे बाहर से बंद मिला। हालांकि ताला नहीं लगा था। अंदर जाकर देखा तो पूरे परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ था। आवाज देने पर भी अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो साफ हो गया कि स्टाफ जा चुका है। लोगों ने बताया कि इस केंद्र पर कई मरीज भी पहुंचे लेकिन कोई नहीं मिला तो मायूस होकर लौट गए।
सिविल लाइंस : अब भी कोविड प्रोटोकॉल
टीम करीब साढ़े 11 बजे पुलिस लाइंस के नगरीय स्वास्थ्य केंद्र पहुंची तो यहां डॉक्टर ड्यूटी पर मौजूद थीं लेकिन उनके कमरे में मरीजों के खड़े होने का इंतजाम एक मीटर के फासले पर था। मरीजों ने बताया भी कि डॉक्टर ने दूर से ही अपनी बीमारी बताने को कहा है। यहां ओपीडी में 20 मरीजों को परामर्श दिया जा चुका था।
मढ़ीनाथ: सौ से ज्यादा मरीज, टीकाकरण भी
मढ़ीनाथ नगरीय स्वास्थ्य केंद्र पर जरूर दोपहर एक बजे डॉ. रुचि मरीजों को देखती मिलीं। बताया, सौ से अधिक मरीज आ चुके हैं। केंद्र में गर्भवती महिला को टीका भी लगाया जा रहा था। डॉ. रुचि ने बताया कि क्षय रोग उन्मूलन के लिए एसीएफ अभियान के तहत सेंटर पर आए 73 संदिग्ध मरीजों की जांच भी की गई है। उनके साथ स्टाफ भी यहां मौजूद मिला।
नोडल अधिकारी बोले- डॉक्टर हैं कम
आरोग्य मेले के नोडल अधिकारी डॉ. पवन कपाही ने बताया कि पिछले दिनों शहरी क्षेत्र के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर तैनात 15 डॉक्टरों ने त्याग पत्र दे दिया था। इसी वजह से कई डॉक्टरों को दो सेंटरों की जिम्मेदारी दी गई है। हो सकता है कि इसी कारण एक बजे के बाद केंद्र पर डॉक्टर न मिले हों। हालांकि उनसे इस पर जवाब मांगा जाएगा।
ये भी पढ़ें- बरेली:कानपुर शहर में जल प्रदूषण की रोकथाम के लिए छात्र ने किया शोध
