बरेली: हिजाब एक मजहबी लिबास इसको न बनाया जाए मुद्दा- मौलाना शहाबुद्दीन रजवी
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बरेली, अमृत विचार। मुजफ्फरनगर में स्थित श्रीराम कॉलेज में छात्राओं के हिजाब पहनकर नुमाइश करने को लेकर जमीयत उलेमा ए हिन्द और सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के बयानों पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा कि हिजाब एक धार्मिक लिबास है इसलिए हिजाब को बहस का मुद्दा न बनाया जाए। जिन लड़कियों ने हिजाब पहनकर नुमाइश की है उसमें कोई मर्द शामिल नहीं था, वो सिर्फ़ महिलाओं का ही कार्यक्रम था। इसलिए उन बच्चियों के साथ सहूलियत और रियायत दी जाएगी।
मौलाना ने कहा की इन बच्चियों ने अपने पूरे जिस्म को बहुत कायदे के साथ हिजाब से ढक रखा था, मगर आजकल हिजाब लिबास की डिजाइनिंग अलग-अलग तरह की की गई है, जिसमें हिजाब की सादगी ने खत्म होकर एक नए फैशन का रूप ले लिया है। इसलिए महिलाओं को और डिजाइन बनाने वाली कंपनियों को एहतियात से काम लेने की जरूरत है।
इस्लाम ने महिलाओं को आजादी के साथ रहने-सहने, खाने-पीने और सुरक्षा प्रदान किए जाने के वसूल बताएं हैं, इन्हीं वसूलों में एक हिजाब लिबास भी आता है, हिजाब को सियासी मुद्दा न बनाया जाए। गत दिनों कनार्टक में इसी तरह का एक मुद्दा बन चुका है जिसका नतीजा सिवाय बदनामी के और कुछ नहीं मिला।
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