विधानसभा चुनाव नतीजे
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लोकसभा चुनाव का सेमी फाइनल माने जा रहे चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए पूरे अभियान का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया और उनकी लोकप्रियता ने भाजपा को शानदार जीत दिलाने में मदद की। भाजपा के प्रदर्शन से पार्टी कार्यकर्ता और नेता उत्साहित हैं। मध्य प्रदेश में उसने जबरदस्त प्रदर्शन के साथ सत्ता बरकरार रखी।
वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में उसने कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया है। इन चुनावों में कांग्रेस के लिए राहत सिर्फ तेलंगाना से मिल रही है वहां उसकी सरकार बनने की संभावना है। चुनाव परिणामों से पता चलता है कि भारतीय राजनीति में भाजपा की स्थिति निर्विवाद बनी हुई है, प्रधानमंत्री मोदी अपनी पार्टी से अधिक लोकप्रिय हैं, और विपक्ष ऐसी राजनीति या कार्यक्रम बनाने में असमर्थ है जो भाजपा को चुनौती दे सके।
कांग्रेस के लिए तेलांगना की जीत राजस्थान व छत्तीसगढ़ में पतन की पृष्ठभूमि में थोड़ी सांत्वना कही जा सकती है। क्या माना जाए कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण, वायदा खिलाफी और अकुशल प्रशासन के चलते कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल का अति विश्वास कांग्रेस को ले डूबा। कांग्रेस के लिए चुनावी हार निराशाजनक है। हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में हार से उसके नेताओं और कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरेगा।
अब इंडिया गठबंधन के भविष्य पर भी बड़ा प्रश्न चिन्ह लग गया है। हालांकि चुनाव के दौरान इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान सामने आ गई थी। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि तीन राज्यों में भाजपा की सफलता की कहानी से ज्यादा कांग्रेस की विफलता है।
जनता दल (यूनाइटेड) ने कहा कांग्रेस अपने दम पर जीतने में सक्षम नहीं, ‘इंडिया’ को मजबूत करना होगा। विधानसभा चुनाव के नतीजों से भविष्य की राजनीति का संकेत मिलता है। इन परिणामों ने साफ कर दिया है कि जनता केन्द्र सरकार की योजनाओं और कामों को पसंद कर रही है।
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