Kanpur Farmer Suicide Case: सबसे बात कर ली है, कोई दिक्कत होने वाली नहीं है… डॉ. प्रियरंजन का ऑडियो वायरल

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में डॉ प्रियरंजन और शिवम सिंह चौहान से जुड़ा आडियो वायरल।

कानपुर में डॉ प्रियरंजन और शिवम सिंह चौहान से जुड़ा आडियो वायरल हो रहा। आत्महत्या की घटना के बाद रात को बातचीत की थी।

कानपुर, अमृत विचार। चकेरी गांव के किसान बाबू सिंह यादव की आत्महत्या के मामले में एक आडियो सोमवार को सामने आया है। आडियो पार्टी से निष्कासित भाजपा नेता व बाल संरक्षण आयोग के सदस्य एक लाख के इनामिया डॉ प्रियरंजन आशु दिवाकर व दूसरे आरोपी मैनपुरी के भाजपा नेता शिवम सिंह चौहान के बीच मोबाइल पर बातचीत का है। इसमें प्रियरंजन ने स्वीकार किया है कि उसने बाबू सिंह ने जमीन अपने नाम लिखवा ली है। उसने यह भी स्वीकार किया है कि उसने सबसे बात कर ली है, कोई दिक्कत होने वाली नहीं है। 

सोमवार को 1.18 मिनट का एक आडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। दावा किया जा रहा है कि यह बातचीत प्रियरंजन और दूसरे आरोपी शिवम सिंह के बीच की है। हालांकि अमृत विचार डॉट कॉम वायरल आडियो की पुष्टि नहीं करता है। दोनों आरोपियों की वार्ता घटना वाले दिन नौ सितंबर को रात नौ बजे से पौने दस बजे तक बताई जा रही है।

इस तरह बातचीत का आडियो आया सामने 

प्रियरंजन : अपने हिस्से की लिखवाई है, हमने उसकी तो लिखवाई नहीं है। तुम सब लिखवा रहे थे उसकी जमीन। तुमने अपने हिस्से की जमीन लिखवाई नहीं तो हमने उससे चेक वापस ले लिए। 

शिवम: अच्छा 

प्रियरंजन: उसने लिखा है कि चेक लोकल थी, नकली थी। 

शिवम: अच्छा

प्रियरंजन: चेक तो असली दी थी। लेकिन जब जमीन लिखाई ही नहीं तो चेक क्यों देंगे। हमने अपने हिस्से की जमीन लिखवा ली थी। यह बात सही भी थी। अपने हिस्से की लिखवा ली थी और बाकी छोड़ दी थी। अब वह कह रही है कि हमारी सब जमीन लिखवा ली। बाकी उसकी पड़ी हुई है। दस बीघा लिखवा ली, दस बीघा लिखवा ली। लिखवाई तो हमने 5.5 बीघा है। 

शिवम : तो क्या लिख गई थी क्या। 

प्रियरंजन : हां, हमारी अपने हिस्से की लिख गई है। 

शिवम : अच्छा तो हम लोगों की लिख गई है।

प्रियरंजन : हां, हम लोगों की लिख गई थी। तुम्हारे नाम वाली लिखी नहीं थी। 

शिवम: हूं..हूं

प्रियरंजन : चिंता वाली बात कोई नहीं है। लेकिन, बेवकूफ हैं। एफआईआर लिखा रहे हैं तो करा दें। क्या करेंगे।

शिवम : अच्छा, अच्छा तो यह है। तो उसमें मेरा चेक है, तो हमारा आ सकता है क्या, उसमें। 

प्रियरंजन : चेक चूंकि तुम्हारे नाम थे। अब देख रहे हैं कि क्या हो रहा है। अगर तुमसे पूछा जाए तो वही बताना है। मेन तो हमारा ही है। जो कुछ है बबलू और हमारा। 

शिवम: हां, मगर खामखां का (गाली दी) लग जाएगा। 

प्रियरंजन : 306 का (...गाली दी) हो गया है। 306 लिखाया है, अब जो भी लिखाया है। निपट जाएगा। कोई दिक्कत वाली बात नहीं है। बात हो गई है। 

शिवम: चलो कल हम लोग बैठ लेंगे। ठीक है भइया। 

पुलिस में कोई है, जो प्रियरंजन के संपर्क में था 

डॉ प्रियरंजन से जुड़ा जो आडियो सामने आया है, उसमें वह साफ कह रहा है कि सब निपट जाएगा। कोई दिक्कत आने वाली नहीं है बात हो गई है। इसके अलावा उसने हाईकोर्ट में दायर शपथ पत्र में भी चकेरी इंस्पेक्टर अशोक कुमार दुबे और तत्कालीन एसीपी अमरनाथ यादव पर लगातार संपर्क में होने का आरोप लगाया था। इन दोनों मामलों से ऐसी संभावना है कि पुलिस में कोई है, जो प्रियरंजन के संपर्क में था और उसे इस मुसीबत से निकलने का भरोसा भी दे रहा था। 

ये है मामला

नौ सितंबर को किसान बाबू सिंह ने मुख्यमंत्री के नाम सुसाइड नोट लिखकर रेलवे ट्रैक पर लेटकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने डॉ प्रियरंजन आशु दिवाकर व उसके गुर्गों पर साढ़े छह करोड़ की जमीन को धोखाधड़ी से हड़पने का आरोप लगाया था। किसान की पत्नी बिटान देवी की तहरीर पर डॉ प्रियरंजन, किसान के भतीजे जितेंद्र यादव, बबलू यादव, राहुल जैन, मधुर पांडेय व शिवम सिंह चौहान के खिलाफ चकेरी थाने में धोखाधड़ी कर जमीन हड़पने, आत्महत्या के प्रेरित करने समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई थी। इस मामले में काफी दिन तक आरोपियों के फरार होने पर पुलिस ने 50-50 हजार का इनाम घोषित किया था। राहुल जैन और मधुर पांडेय को पुलिस ने जेल भेज दिया था। इसके बाद चार आरोपियों के फरार रहने के कारण पुलिस ने इनाम राशि बढ़ा दी थी। हाईकोर्ट ने प्रियरंजन की गिरफ्तारी पर पांच दिसंबर तक रोक लगाई हुई है। बाकी के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई चल रही है।

पूरे प्रकरण में पुलिस निष्पक्ष जांच कर रही है। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाना उद्देश्य है।- आनंद प्रकाश तिवारी, संयुक्त पुलिस आयुक्त

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