Farrukhabad News: नगर पालिका की गीली लकड़ी यात्रियों की नहीं बचा पा रही ठंड, रैन बसेरा का नहीं खुला ताला
फर्रुखाबाद में गीली लकड़ी होने से ठंड में खुद ठंडे हो गए अलाव।
फर्रुखाबाद में रोडवेज बस अड्डे पर नगर पालिका ने अलाव जलवा कर अपने कार्य की इति श्री कर ली। लेकिन जलाई गई गीली लकड़ी से अलाव खुद ठंड में ठंडे हो गए। नतीजतन यात्री ठिठुरन भरी स्याह रात में परेशान हो रहे है।
फर्रुखाबाद, अमृत विचार। रोडवेज बस अड्डे पर नगर पालिका ने अलाव जलवा कर अपने कार्य की इति श्री कर ली। लेकिन जलाई गई गीली लकड़ी से अलाव खुद ठंड में ठंडे हो गए। नतीजतन यात्री ठिठुरन भरी स्याह रात में परेशान हो रहे है।
नगर पालिका परिषद फर्रुखाबाद ने फर्रुखाबाद रेलवे स्टेशन, फतेहगढ़ आश्रय स्थल व फर्रुखाबाद रोडवेज बस अड्डा पर अलाव जलाना शुरू करा दिया। इस अलाव से यात्रियों को कोई राहत नही मिली। नतीजतन यात्री कागज जला कर ठंड से बचने की जुगत लगाते रहे। बस अड्डे पर कागज जला कर रात काट रहे अभिषेक कुमार ने बताया कि वह हरदोई जा रहे हैं।
उन्होंने बस अड्डे पर धुआं उठता देखा तो उन्हें लगा कि वह भी अपने हाथ सेंक लें।जब नजदीक पहुंचे तो वहां पड़ी गीली लकड़ी में धुआं उठ रहा था। तब उन्होंने कागज इकट्ठा करके आग जलाई। कमोबेस यही हाल शहर भर में जलाए गए अलाव का रहा। शहर के रमेश चंद्र, मुन्ना आदि प्रमुख लोग बताते हैं कि कि रात में पारा 7 डिग्री के करीब पहुंच रहा है।
प्रमुख चौक चौराहों पर अलाव का नगर पालिका अभी तक कोई इंतजाम नहीं कर पाई है। इसके साथ ही लोहिया अस्पताल में भी अलाव का कोई इंतजाम नहीं है।
फर्रुखाबाद रोडवेज बस अड्डे पर नगर पालिका के अलाव की लकड़ी उसके दावों की पोल खोलती नजर आती है। गीली लकड़ी से दो बड़े हिस्सों को डाल कर आग लगाई गई। जब तक ज्वलन शील पदार्थ पड़ा रहा तभी तक अलाव जलाता रहा। फिर सिर्फ धुंआ निकलता रहा।
जिससे यात्रियों को ठिठुर ठिठुर कर बस अड्डे पर रात बितानी पड़ी। ईओ नगर पालिका रविन्द्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस सम्बंध में उन्हें जानकारी नहीं है। इस मामले की जांच कराई जाएगी। सम्बंधित कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
लोहिया अस्पताल में बने रैन बसेरा का नहीं खुला ताला
लोहिया अस्पताल में पुरुष व महिला अस्पताल में अलग अलग रैन बसेरे बने हुए है। पुरुष अस्पताल का रैन बसेरा पानी की टंकी के पास बना हुआ है। जिसमें ताला पड़ा हुआ है। वहीं महिला अस्पताल का रैन बसेरा सीएमएस आवास के सामने बना है। वह भी सिर्फ परिसर की शोभा बढ़ा रहा है। जिम्मेदारों से अभी तक रैन बसेरों को खुलवाने की जरूरत नहीं समझी है।

जबकि दूर दराज से आये मरीजो के तीमारदारों को ठिठुर ठिठुर कर रात बितानी पड़ रही है। सबसे ज्यादा दिक्कत उन लोगो को हो रही है। जिनके परिजनों के शव मोर्चरी में रख दिये जाते हैं। उन्हें खुले आसमान के नीचे बर्फ भरी हवाओं में रात बितानी हो रही है।
रैन बसेरा का लोग दुर्पयोग करते हैं। अगर खोल दिया जाए तो लोग उसमे जाकर दारू पीने लगते हैं। गद्दे उठा ले जाते हैं। हमने एक कर्मचारी लगा रखा है। वह जब होता है तो खोल देता है। दिन में बंद रहता है। रात में कोई जरूरत बन्द आता है। तो खोल दिया जाता है। रेन बसेरा में पांच बेड हैं। लोगो के दुर्पयोग करने के बजह दिन में बंद रखा जाता है।– डॉ. राजकुमार गुप्ता, मुख्य चिकित्साधीक्षक, राम मनोहर लोहिया अस्पताल फर्रुखाबाद
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