लखनऊ : केजीएमयू में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने शुरू किया प्रदर्शन, वेतन कटौती से हैं नाराज

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में बुधवार को आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। आउटसोर्सिंग कर्मचारी बायोमेट्रिक अटेंडेंस के हिसाब से मिली सैलरी की वजह से नाराज बताए जा रहे हैं।

आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के प्रदर्शन शुरू करने से ओपीडी सेवाएं बाधित हुई है। काउंटर्स को छोड़कर आउटसोर्सिंग कर्मचारी प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं।

दरअसल, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में काम करने वाले आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को इस महीने में पूरा वेतन नहीं मिला है। उनको जो पैसे दिए गए हैं। उसमें कटौती की गई है और यह कटौती बायोमेट्रिक अटेंडेंस के हिसाब से होना बताई जा रही है। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को 1 महीने में मिलने वाली चार छुट्टियां का पैसा भी काट लिया गया है। जिससे आउटसोर्सिंग कर्मचारी नाराज हैं। करीब 5000 कर्मचारियों ने काम बंद करने का फैसला लिया है।

बता दें कि किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने इससे पहले भी प्रदर्शन किया था और उसके बाद उनकी मांगों को माना गया था, लेकिन इस बार जो उन्हें पैसा दिया गया। उसमें कटौती कर दी गई,जिससे कर्मचारी नाराज हो गए और उन्होंने प्रदर्शन शुरू कर दिया।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने कहा है कि यह आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का उत्पीड़न है। बायोमेट्रिक अटेंडेंस की वजह से जो डर कर्मचारियों में पैदा हुआ था, वह आज दिखाई पड़ रहा है। आउटसोर्सिंग कर्मचारी के लिए राजपत्रित और साप्ताहिक अवकाश लेना काफी कठिन होता जा रहा था, अवकाश लेने पर वेतन से पैसे कटने का डर हमेशा बना रहता था। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया था और उनकी मांगों को केजीएमयू प्रशासन ने मान भी लिया था, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

कर्मचारियों की इन मांगों पर बनी थी सहमति 

1. कर्मचारियों को बोनस दिया जायेगा ।
2. सभी कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश, राजपत्रितअवकाश मिलेगा, वेतन में कटौती नहीं होगी ।
3. 28 दिन कि डियूटी पर 32 दिन तक ही ओवर टाइमिंग का वेतन प्राप्त होगा उससे अधिक के लिए एजेन्सी द्वारा रिलीवर लगया जायेगा ।
4. ESIC के इलाज के लिए चिकित्सा विश्वविद्यालय में डिस्पेसरी खोले जाने की बात सामने आई है।
5. चिकित्सा विश्वविद्यालय के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के वेतन में प्रति वर्ष 5 फीसदी की बढ़ोत्तरी होगी। 
6. EPF/ESIC में अनियमितता की जांच होगी।

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