बरेली: फिर वेतन नहीं दे पाया नगर निगम 40 वार्डों में थमा कूड़ा कलेक्शन

कर्मचारियों ने वेतन मिलने तक काम के बहिष्कार का एलान किया, आश्वासन पर भी नहीं माने, नगर निगम के अफसरों पर लगाया झूठे वादे कर काम कराने का आरोप

बरेली: फिर वेतन नहीं दे पाया नगर निगम 40 वार्डों में थमा कूड़ा कलेक्शन

बरेली, अमृत विचार : नगर निगम डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाले कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे पा रहा है जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। वेतन न मिलने पर कर्मचारियों ने बृहस्पतिवार को फिर काम बंद कर दिया। इस वजह से शहर के 40 वार्डाें में कूड़ा नहीं उठ पाया। दोपहर को अपर नगर आयुक्त से मिले कर्मचारियों ने वेतन मिलने तक काम बंद रखने का भी एलान कर दिया।

अपर नगर आयुक्त ने भरोसा दिलाया कि शुक्रवार को वेतन मिल जाएगा, लेकिन कर्मचारी नहीं माने। कूड़ा कलेक्शन करने वाले कर्मचारियों ने नगर निगम परिसर में बैठक कर कहा कि वे लोग अक्टूबर से काम कर रहे हैं और अब तक वेतन के नाम पर उनमें से किसी को 51 सौ तो किसी को आठ हजार रुपये ही मिले हैं। अफसर हर बार समय पर वेतन देने का आश्वासन देते हैं लेकिन फिर उसे भूल जाते हैं।

वेतन न मिलने के कारण वे लोग परिवार नहीं चला पा रहे हैं। कर्मचारियों की बैठक के दौरान एक राजनीतिक दल के सदस्यों ने भी आकर उनका साथ देने का वादा किया और एकजुटता बनाए रखने की अपील की।

एजेंसी के अधीन काम कर रहे कर्मचारियों ने बैठक में पक्की नौकरी देने की भी मांग की। तर्क दिया कि वे लोग कई सालों से नगर निगम के लिए काम कर रहे हैं इसलिए पक्की नौकरी के हकदार हैं। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि पहले ठेकेदार ने उन्हें वेतन नहीं दिया अब तीन महीने से नगर निगम भी समय पर वेतन नहीं दे रहा है।

काम का बहिष्कार करने वाले कर्मचारी जोन-2 और जोन- 4 में काम कर रहे हैं। इन दोनों जोन में 40 वार्ड हैं जहां बृहस्पतिवार को उन्होंने कूड़ा न उठाने का दावा किया। इन वार्डों में सुभाषनगर, राजेंद्रनगर कुतुबखाना, कोहाड़ापीर, सिविल लाइंस और रामपुर बाग जैसे शहर के प्रमुख इलाके हैं। बता दें कि सितंबर में कूड़ा कलेक्शन कराने वाली आनंद साहू की फर्म को ब्लैकलिस्ट किए जाने के बाद नगर निगम इन कर्मचारियों से सीधे कूड़ा कलेक्शन करा रहा है।

अफसर फिर बोले- इस हाथ दो तो उस हाथ लो: नगर निगम के अफसरों का कहना है कि उन्होंने कर्मचारियों को यकीन दिलाया था कि वे उन्हें ठेकेदार से ज्यादा वेतन देंगे लेकिन उन्हें भी उसी के अनुसार वसूली बढ़ानी होगी। इस पर कर्मचारी सहमत थे लेकिन अब पूरी वसूली नहीं कर रहे हैं। पहले ठेकेदार उन्हें कम पैसे देकर कम काम लेता था, अब नगर निगम से ज्यादा पैसा चाहिए तो कर्मचारियों को काम भी ज्यादा करना होगा। अफसरों ने कहा कि कर्मचारियों को वेतन दिया जा रहा है।

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