बांदा : मेडिकल कॉलेज के यूरो सर्जन ने किया लिंग कैंसर का सफल ऑपरेशन
बांदा,अमृत विचार। मेडिकल कॉलेज बनने के बाद से बांदा में चिकित्सा के क्षेत्र में लगातार नई उपलब्धियां देखने को मिल रही हैं, जिससे बांदा और उसके आसपास के मरीजों को बड़े शहरों में भटकना नहीं पड़ रहा, बल्कि कई मरीज तो बड़े शहरों से मायूस होकर बांदा वापस आ रहे हैं। बांदा में उनका भी उपचार हो रहा है, जो यहां के लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं है।
ऐसा ही एक लिंग कैंसर का मामला बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज में देखने को मिला। बबेरू तहसील के पल्हरी गांव का रहने वाला लक्ष्मण प्रसाद (28) पुत्र रामप्रसाद काफी समय से लिंग कैंसर से पीड़ित था। वह कानपुर, प्रयागराज आदि कई बड़े शहरों में इलाज कराने गया, लेकिन उसका कहीं उपचार नहीं हो पाया, तब वह पिछले हफ्ते बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग में कार्यरत यूरो सर्जन डॉ.सोमेश त्रिपाठी से मिला। डॉ.सोमेश त्रिपाठी ने जब लक्ष्मण की जांचें कराईं तो लिंग कैंसर की पुष्टि हुई। डॉ.सोमेश ने लक्ष्मण को तुरंत ऑपरेशन कराने की सलाह दी। लक्ष्मण कई बड़े शहरों से थक हार कर वापस आया था तो वो तुरन्त ऑपरेशन कराने को तैयार गया। सोमेश त्रिपाठी और उनकी टीम ने लगभग ढाई घण्टे चले ऑपरेशन के बाद लक्ष्मण के लिंग से कैंसर निकाल कर अलग कर दिया। कुछ समय चिकित्सीय सेवा में रखने के बाद लक्ष्मण को शुक्रवार को छुट्टी दे दी गई और वह खुशी-खुशी अपने घर चला गया। डॉक्टर सोमेश ने अपनी योग्यता से लक्ष्मण की सर्जरी के बाद उसके लिंग को इस तरह से बना दिया जिससे उसकी दैनिक क्रियाएं भी प्रभावित नहीं हुईं।
यूरो सर्जन डाक्टर सोमेश त्रिपाठी ने इस सफल ऑपरेशन के बारे में बताया कि उनके मेडिकल कॉलेज के लगभग ढाई साल के कार्यकाल में ये पहला लिंग कैंसर का ऑपरेशन है, शायद ये बांदा के चिकित्सा के इतिहास का भी पहला लिंग कैंसर का सफल ऑपरेशन होगा। उन्होंने कहा कि इससे पहले वह अन्य बड़े शहरों में इस तरह के ऑपरेशन कर चुके है। उन्होंने मरीज के बारे में बताया कि मरीज के लिंग में एक गांठ हो गई थी, जिसका समय पर उपचार न होने से वह कैंसर बन गया। ढाई घण्टे चले इस सफल लिंग कैंसर के ऑपरेशन की टीम में यूरो सर्जन डॉ.सोमेश त्रिपाठी, एनेस्थीसिया डॉ.प्रिया दीक्षित, सीनियर रेजिडेंट डॉ.राहुल कुमार, डॉ.अरविंद कुमार, स्टाफ नर्स में सोनम, उमा, आशीष, हिना आदि शामिल रहीं। इस सफल ऑपरेशन के लिए मरीज लक्ष्मण प्रसाद और उसके परिवार ने डॉ.सोमेश की खुले कंठ से सराहना की।
क्यों हो जाता है लिंग कैंसर
डॉ.सोमेश ने बताया कि किसी-किसी के लिंग के आगे की चमड़ी पूरी तरह से नहीं खुलती, जिससे वहां गन्दगी जमा हो जाती है और इन्फेक्शन हो जाता है। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो पहले गांठ और फिर धीरे धीरे कैंसर हो जाता है। इससे बचाव के लिए उन्होंने कहा कि सफाई का ध्यान रखा जाए। लिंग की चमड़ी में किसी प्रकार की समस्या होने पर यूरो सर्जन को तुरंत दिखाया जाए तो ऐसी बीमारी से बचा जा सकता है। इस सफल ऑपरेशन के खर्च के बारे में उन्होंने बताया कि अगर ये ऑपरेशन किसी प्राइवेट नर्सिंग होम में होता तो एक से डेढ़ लाख तक का खर्च आ जाता, लेकिन रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज में ये ऑपरेशन सिर्फ सरकारी यूजर चार्ज पर हो गया।
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