हरदोई में सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा, ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में हुआ 1.31करोड़ का घोटाला !

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Published By Jagat Mishra
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तीन एसडीओ,दो जेई और रिलायंस एनर्जी लिमिटेड के सीनियर मैनेजर पर केस दर्ज

हरदोई, अमृत विचार। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में 1 करोड़ 31 लाख 52 हज़ार 865 रुपये का घोटाला सामने आया है। विजिलेंस टीम की जांच में इस तरह का फर्ज़ीवाड़ा पकड़ा गया है। उसी के चलते तीन उपखंड अधिकारी ,दो जेई और रिलायंस एनर्जी लिमिटेड के सीनियर मैनेजर के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।

बताया गया है कि योजना के तहत साल 2005-06 में 85 गांवों का विद्युतीकरण कराया गया था। इसके लिए रिलायंस एनर्जी लिमिटेड को ठेका दिया गया था। कंपनी ने सारे कार्यों को पूरा करने के बाद प्रोजेक्ट को यूपीपीसीएल को हैंडओवर कर दिया था। यूपीपीसीएल के अफसरों के ग्रीन सिग्नल मिलने पर रिलायंस एनर्जी लिमिटेड को भुगतना कर दिया गया था। लेकिन जब सरकार ने योजना में शामिल किए गए 85 गांवों की ज़मीनी पड़ताल कराई तो पता चला कि उन गांवों में पीसीसी पोल,डबल पोल,एलटी लाइन,और ट्रांसफार्मर जैसे और भी तमाम उपकरण लगाए ही नहीं गए और सारा भुगतान कर दिया गया। इसका खुलासा होने पर सरकार ने साल 2017 में विजीलेंस टीम को जांच के आदेश दिए, विजिलेंस टीम की जांच में सामने आया कि राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में 1 करोड़ 31 लाख 52 हज़ार 865 रुपये का घोटाला किया गया। उसके बाद सरकार के आदेश पर विजीलेंस टीम ने उपखंड अधिकारी देवेन्द्र प्रसाद जोशी,अमजद अली और प्रमोद आनंद के अलावा दो जेई और रिलायंस एनर्जी लिमिटेड के सीनियर मैनेजर के खिलाफ फर्ज़ीवाड़ा करने का केस दर्ज कराया है।

ऐसे खुले फर्ज़ीवाड़े के पन्ने 
85 गांवों में किए गए विद्युतीकरण की जांच के दौरान पाया गया कि सेक्शन लाइज़र,स्टोन पैड,डैन्जर बोर्ड और अर्थिंग वायर में तमाम खामियां सामने आई। इतना ही नहीं 33/11 केवी न्यू सब स्टेशन को बनाने में भी सरकारी रुपयों का खेल हुआ। उसके बाद से जांच आई तेज़ी से इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ।

अभी और बड़ा हो सकता है घोटाला
दरअसल योजना के तहत और भी गांवों को शामिल किया गया था। जैसा कि बताया जा रहा है कि 776 गांव में इस योजना में शामिल किए गए थे। अगर उन गांवों की इसी तरह से ज़मीनी हकीकत की पड़ताल की जाए तो इससे और भी घोटाला सामने आ सकता है,ऐसा माना जा रहा है। फिलहाल आगे क्या होगा ? इसे ले कर लोगों के बीच तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रहीं है।

विद्युत विभाग में हुआ घोटाला उस समय सामने आया जब तमाम अवैध कॉलोनी में बिजली की लाइन बना दी गई ।इसकी शिकायत जब विभाग से की गई तब मालूम हुआ कि इन अवैध कॉलोनी में लगे सैकड़ो खंभे ट्रांसफार्मर विद्युत तार सभी विभाग द्वारा चुराकर अवैध प्लाटिंग वालों को बेचा गया है। इन अवैध कॉलोनी में प्लाटिंग किसने कराई किसके आदेश पर विद्युत लाइने बनी यह विभागीय अधिकारी अभी भी छिपा रहे हैं।

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