PM नेतन्याहू की बढ़ीं मुश्किलें, विपक्ष के नेता लैपिड ने फिर दोहराई इस्तीफे की मांग
तेल अवीव। इजरायल में विपक्ष के नेता यायर लैपिड ने हमास विद्रोहियों के साथ दो महीने से ज्यादा समय से चल रहे संघर्ष के बीच प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से इस्तीफा देने के लिए अपना आह्वान दोहराया है। अल जज़ीरा समाचार चैनल की रिपोर्ट में इज़राइली समाचार आउटलेट जीएलजेड रेडियो पर लैपिड को उद्धृत करते हुये कहा, “युद्ध के बीच में प्रधानमंत्री को बदलना अच्छा नहीं है। लेकिन जो ऑफिस में है वो तो और भी बुरा है। वह जारी नहीं रख सकते,।''
लैपिड ने गाजा पर इज़राइल की बमबारी की शुरुआत में नेतन्याहू के युद्ध मंत्रिमंडल में शामिल होने से इनकार कर दिया था और नेतन्याहू की सरकार के लगातार आलोचक रहे हैं। दूसरी तरफ विश्लेषकों का मानना है कि नेतन्याहू इज़राइल में 'दो दबावों को संतुलित' बनाने का प्रयास कर रहे है। दोहा इंस्टीट्यूट फॉर ग्रेजुएट स्टडीज के सहायक प्रोफेसर टैमर करमाउट का कहना है कि संघर्ष विराम के लिए मिस्र के नवीनतम प्रस्ताव में इजरायल में बंदियों और मिस्र के प्रस्ताव में शामिल होने या नहीं होने को लेकर असहमति है।
करमाउट ने कहा “हम इस प्रस्ताव में शामिल होने के लिए विपक्षी दलों, बंदियों के परिवारों की ओर से नेतन्याहू पर आंतरिक दबाव बढ़ता हुआ देख रहे हैं। लेकिन नेतन्याहू अभी भी अपने रुख पर कायम हैं,।' उन्होंने कहा, “रणनीतिक रूप से वह उन परिवारों पर दबाव डाल रहा है जिन्होंने गाजा में दैनिक आधार पर अपने सैनिकों को खोया है, जो बदला लेना चाहते हैं, जो हमास का अंत देखना चाहते हैं। वे दो दबावों को संतुलित कर रहे है। यह इज़रायल में चल रहा खेल है, लेकिन अब तक मुझे लगता है कि नेतन्याहू के पास अभी भी अपने पद पर बने रहने का मौका है।” करमाउट ने कहा कि अधिकांश ज़ायोनी आबादी गाजा में इज़राइल के सैन्य अभियान का समर्थन करना जारी रखती है, “और यही समस्या है”।
इस बीच इजरायली रक्षा बलों ने कहा कि एक सौ से अधिक स्थानों पर हवाई हमले करने का दावा किया है। अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार इजरायली सेना ने कहा है कि पिछले 24 घंटों में इजरायल के दर्जनों लड़ाकू विमानों ने दक्षिणी गाजा में 100 से अधिक ठिकानों पर हमला किया है। सेना ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा कि इन हमलों के लक्ष्यों में हमास द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सुरंग शाफ्ट और सैन्य प्रतिष्ठान शामिल थे।
दूसरी ओर फिलिस्तीन रेड क्रिसेंट सोसाइटी (पीआरसीएस) का कहना है कि खान यूनिस में सहायता संगठन के मुख्यालय की ऊपरी मंजिलों को निशाना बनाकर की गई इजरायली तोपखाने की गोलाबारी में कई लोग घायल हो गए हैं। पीआरसीएस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, हजारों आंतरिक रूप से विस्थापित लोग इमारत में शरण ले रहे हैं।
एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार ईरान के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि सीरिया में इजरायली हवाई हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के सदस्य सैय्यद रज़ी मौसवी की मौत के लिए इज़रायल को कीमत चुकानी पड़ेगी। बयान में कहा गया, “हमारी प्रतिक्रिया सख्त और प्रभावी होगी, लेकिन किसी भी इजरायली शोषण के लिए जगह नहीं देगी।” मौसवी आईआरजीसी में एक वरिष्ठ सलाहकार थे और वह सीरिया और ईरान के बीच सैन्य गठबंधन के समन्वय के लिए जिम्मेदार थे।
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