कभी खाया है शुगर फ्री काला अमरूद - UP का ये जिला कर रहा है बंपर पैदावार    

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Published By Jagat Mishra
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ताइवान से बीज लाकर लगाया बाग, अन्य के लिए बने नजीर 

काशीनाथ दीक्षित/ दरियाबाद /बाराबंकी, अमृत विचार। क्षेत्र के किसान अब परम्परागत खेती के साथ बागवानी आदि की खेती कर अपना भाग्य चमका रहे है। किसान खेतों में अब धान गेहूं के साथ फल उगाकर अच्छी आमदनी कर रहे हैं। 

अमरूद की खेती करने वाले किसानों का कहना है कि वह कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं. अन्य फसल में हो रहे नुकसान के कारण किसानों को लागत निकालना भी मुश्किल हो जाता था। कभी अतिवृष्टि व कभी ओलावृष्टि से परेशान किसानो की  फसल खराब हो जाती है , लेकिन अमरूद की फसल को इससे कोई नुकसान नहीं होता।

विकासखंड दरियाबाद  क्षेत्र के मथुरानगर निवासी किसान कमलेश सोनकर , जगदेव सोनकर , ननकऊ सोनकर  अमरूद  की खेती कर रहे हैं। किसान ननकऊ ने बताया कि वह वर्ष 2010 से अमरूद की खेती कर रहे हैं, उन्होंने दो बीघे से अमरूद की खेती करना शुरू किया था। जिसके बाद उन्होंने उसको बढ़ाकर 10 बीघा तक कर लिया है। अमरूद से उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है। इन किसानो की बाग में लखनऊ 49 , सफेद बर्फखान , पिंक ताइवान , आदि अमरूद की किस्म है । दरियाबाद के कुसफर निवासी किसान रोहित तिवारी भी एक एकड़ में अमरूद की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे है। गंगाराम पुरवा निवासी के के पांडे ने भी दो बीघा अमरूद की बाग लगाई है। 

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पेड़ो के सूखने पर होता नुकसान 
अमरूद की खेती करने वाले किसान ननकऊ सोनकर बताते है की हर पांच साल में पुराने पेड़ो को हटाकर नए पेड़ लगाए जाते है । ताकि फसल अच्छी मिल सके । लेकिन कभी कभी दो साल बाद ही पेड़ सूख जाते है । जिससे दिक्कत होती हमारी बाग कृषि विभाग में दर्ज है और पेड़ सूख रहे है। लेकिन विभाग से जांच करने के लिए कोई नहीं आता। 

कम लागत में ज्यादा मुनाफा
अमरूद की खेती करने वाले किसान बताते  हैं कि बागबानी की खेती करने में अन्य फसलों के मुकाबले लागत बेहद कम आती है। 10 बीघा में 20 हजार की लागत आती हैं, वही अमरूद की फसल में कीट और रोग भी कम लगते हैं। जिसके कारण बंपर अमरूद की पैदावार होती है ऐसे में उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है। इस समय पर अमरूद चार हजार रुपए प्रतिकुंतल में बिकता है जो बाजार में फुटकर भाव में पचास रुपए किलो तक बिकता है। जिससे प्रति एकड़ पचास हजार की कमाई होती है । 

परखी जलवायु अब बढ़ाएंगे काले अमरूद का रकबा 
ननकऊ ने अब सुगर फ्री काले अमरूद का रकबा बढ़ाने का विचार किया है। इनका कहना है। काला अमरूद शुगर फ्री होने के कारण महंगा बिकता है। इसके लिए उन्होंने दो पेड़ दो वर्ष पूर्व मौसम की जांच करने को लेकर  लगाया था। जिसमे अच्छी पैदावार हुई। अब ननकऊ काले अमरूद की खेती का रकबा बढ़ाएंगे ।

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