लखीमपुर-खीरी: 18 वर्ष से कम आयु के छात्र-छात्राओं को वाहन चलाने पर प्रतिबंध फिर भी सड़क पर भर रहे फर्राटा
दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उठाया कदम, परिवहन आयुक्त ने जारी किया आदेश
लखीमपुर-खीरी, अमृत विचारः उत्तर प्रदेश में अब 18 वर्ष से कम उम्र के किशोर या किशोरियों पर दोपहिया या चार पहिया वाहन चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। यदि कोई वाहन स्वामी 18 वर्ष से कम उम्र के बालक या बालिकाओं को वाहन चलाने के लिए देता है, तो उसे तीन साल की जेल की सजा और 25 हजार के जुर्माना से दंडित किया जाएगा।

इसके बावजूद बुधवार को शहर में किशोर-किशोरियां स्कूटी-बाइक से फर्राटा भरते देखे गए। कहीं पर ट्रैफिक पुलिस व परिवहन विभाग के अधिकारियों ने चेकिंग नहीं की। हालांकि एआरटीओ प्रशासन आलोक कुमार सिंह ने डीआईओएस व बीएसए को पत्र लिखकर 18 वर्ष से कम उम्र के छात्र-छात्राओं के वाहन चलाने पर प्रतिबंध लगने की जानकारी दी है।
बता दें कि यह कानून पहले से प्रावधान में था, लेकिन अभी तक इस पर सख्ती से अमल नहीं कराया जा रहा था। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ सुचिता चतुर्वेदी द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों में करीब 40 प्रतिशत बच्चों (18 वर्ष से कम) की मौत होने के आंकड़े पर चिंता जताई गई। इसके बाद शासन ने 18 वर्ष से कम आयु के छात्र-छात्राओं को वाहन चलाने पर सख्ती से प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए हैं।
इसके लिए एआरटीओ व एआरएम को निर्देश जारी किए गए हैं। किसी भी नाबालिग के सार्वजनिक स्थान पर वाहन चलाने पर रोक लगाई गई है। नाबालिग से वाहन चलवाने पर वाहन स्वामी को दंडित किया जाएगा। वाहन स्वामी को तीन वर्ष तक कारावास और 25 हजार का जुर्माना होगा।

सिर्फ वैध लाइसेंस के साथ 16 वर्ष के बाद नाबालिग 50 सीसी इंजन की बाइक चला सकते हैं। एआरटीओ आलोक कुमार सिंह ने बताया कि डीआईओएस व बीएसए को पत्र लिखकर 18 वर्ष से कम उम्र के छात्र छात्राओं के वाहन चलाने पर सख्ती से पाबंदी लगाए जाने की जानकारी संबंधित विद्यालयों के माध्यम से बच्चों को देने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि मोहम्मदी स्थित सरदार बाबा सिंह पब्लिक स्कूल में बच्चों को इस संबंध में जानकारी दी गई है। जल्द ही अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
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