मुरादाबाद : बेसिक स्कूलों की किताब पर होंगे नशे के खिलाफ जागरूकता वाले पोस्टर
एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स तैयार करेगी पोस्टर, शासन को प्रस्ताव भेजने की तैयारी
मुरादाबाद, अमृत विचार। अब सरकारी स्कूलों की किताब पर नशे के खिलाफ जागरूकता पोस्टर देखने को मिलेंगे। जिससे समाज और बच्चों में नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाई जा सके। इसके लिए एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स पोस्टर तैयार करेगी। जिसके बाद शिक्षा विभाग और एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स शासन को प्रस्ताव भेजने की तैयारी में है।
आज कल युवा पीढ़ी नशे की और अग्रसर हो रही है। जनपद में भी सड़कों के किनारे खोखो पर युवा को नशे के पदार्थ खरीदते देखा जा सकता है। जिससे समाज में विभिन्न प्रकार की समस्या आ रही है। साथ ही युवा अपने लक्ष्य से भटक रहे हैं। शिक्षा विभाग लगातार स्कूलों में नशे के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है। उधर, एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) भी लगातार नशे के खिलाफ काम कर रही है।
इसमें एएनटीएफ शिक्षा विभाग के साथ मिलकर सरकारी स्कूलों में बच्चों को दी जाने वाली किताबों कापियों कवर पेज पर नशे के खिलाफ जागरूकता वाला पोस्टर प्रकाशित किए जाने की योजना तैयार की गई है। इसमें वह कई तरह के जागरूकता पोस्टर तैयार कर रही है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि पोस्टर तैयार होने के बाद शासन के आदेश पर इन्हें स्कूलों की किताबों पर प्रकाशित किया जाएगा। इससे बच्चों में नशे के खिलाफ जागरूकता बढ़ेगी। साथ ही इसका समाज पर अच्छा प्रभाव पढ़ेगा।
स्कूलों के बाहर खुलेआम बिक रहे नशीले पदार्थ
एक तरह जहां शिक्षा विभाग लगातार लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक कर रहा है। वहीं दूसरी और जनपद के स्कूलों के बाहर खुलेआम नशीले पदार्थ बेचे जा रहा है। विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अनजान बने हुए हैं। बता दें कि जनपद में ऐसे कई स्कूल हैं। जिनके बाहर नशीले पदार्थों की बिक्री हो रही है। इनमें कंपोजिट विद्यालय दांग, पारकर इंटर कॉलेज, दिल्ली रोड स्थित निजी विश्वविद्यालय समेत अन्य स्कूल-कालेज शामिल हैं। जबकि नियमों के अनुसार स्कूल के 200 मीटर तक इनकी बिक्री पर रोक है। मगर यहां खुलेआम नियमों की अनदेखी की जा रही है। डीआईओएस डॉ. अरुण कुमार दुबे ने बताया कि स्कूलों के बाहर नशीले पदार्थों की बिक्री की जांच कराकर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।
स्कूलों में समय-समय पर आयोजित हो रहे कार्यक्रम
कई बार युवा पीढ़ी नशे का शिकार होकर भविष्य को खराब कर लेती है। इन सबसे बच्चों को बचाने के लिए एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स समय-समय पर स्कूलों में नशे के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करती रहती है। इनमें बच्चों को नशे से होने वाली परेशानियों व बीमारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। इसी क्रम में अभिभावकों में जागरूकता फैलाने के लिए भी कार्यक्रम किए जा रहे हैं। डीआईओएस का कहना है कि शिक्षकों के साथ बच्चों के अभिभावकों को भी अपने बच्चों की दिनचर्या पर खास ध्यान देने की आवश्यकता है। कई बार बच्चे बुरी संगत में बैठकर नशे की लत का शिकार हो जाते हैं। इसलिए अभिभावकों को अपने बच्चों की सही संगत और अच्छा माहौल देने बहुत ही आवश्यक है।
ये भी पढ़ें : मुरादाबाद : टॉस्क पूरा करने के चक्कर में एलएलबी के छात्र ने गंवाए 2.25 लाख रुपये, धनराशि वापस पाने को पुलिस से लगाई गुहार
