नैनीताल: स्टोन क्रशर मामले में शिकायत निस्तारित करें कमिश्नर
विधि संवाददाता, नैनीताल, अमृत विचार। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने श्रीनगर पौड़ी गढ़वाल के कंडोली गांव में कृषि भूमि के पास मानकों के विपरीत संचालित स्टोन क्रशर के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से गढ़वाल कमिश्नर के सम्मुख अपने शिकायती दस्तावेज तीन सप्ताह में उपलब्ध कराने को कहा है। कोर्ट ने गढ़वाल कमिश्नर को जांच के बाद 6 माह में इसपर कार्यवाही कर ग्रामीणों की शिकायत का निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं।
मामले के अनुसार श्रीनगर के कंडोली को ग्रामीणों ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि कृषि भूमि में मानकों के विपरीत दीपाली एसोसिएट का स्टोन क्रशर लगाया गया है। इसे अवैध खनन, पर्यावरण को नुकसान, कृषि, क्षेत्रीय जनता व पशुओं के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ने के साथ-साथ ग्रामीण सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो रही है।
सड़क में बड़े बड़े गड्ढे होने से ग्रामीणों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्टोन क्रशर पीसीबी के मानकों को पूरा नहीं करता है। कई बार इसकी शिकायत ग्रामीणों ने अधिकारियों से की परंतु सुनवाई नहीं हुई। जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि इसकी जांच कर इसके संचालन पर रोक लगाई जाए।
