बाराबंकी: लर्निंग लैब के रूप में विकसित होंगे डेढ़ दर्जन आंगनबाड़ी केंद्र, 18 मानकों पर होगा कायाकल्प
रीतेश श्रीवास्तव/बाराबंकी, अमृत विचार। बच्चे अक्षर ज्ञान के अलावा स्कूल जाने से पहले संपूर्ण ज्ञान अर्जित कर सकें। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को लर्निंग लैब के रुप में विकसित किया जाएगा। जिले के सभी 15 विकास खंडों में प्रत्येक ब्लॉक से एक-एक केंद्रों को चिह्नित कर लर्निंग लैब के तौर पर तैयार किया जाएगा। लैब से सुसज्जित केंद्रों में पंजीकृत बच्चों को रंगों के अलावा पेड़-पौधों, फूल की जानकारी और अक्षर ज्ञान भी कराया जाएगा। इसके लिए केंद्रों पर वाल पेंटिंग भी कराई जाएगी।

जिले के सभी विकास खंडों में 3056 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनमें 3,47,320 बच्चे पंजीकृत हैं। इसमें कुछ को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्र हैं जो परिषदीय विद्यालयों में चलते हैं। शहरों में तो प्ले स्कूल की सुविधा मौजूद होती है, लेकिन गांव में प्ले स्कूल नहीं होते हैं। अब सरकार इन केंद्रों का उच्चीकरण करने जा रही है। इसके लिए प्रत्येक ब्लॉक से एक-एक केंद्रों का चयन कर उनका 18 मानकों पर कायाकल्प करते हुए उन्हें लर्निंग लैब के रुप में तैयार किया जाएगा।

लैब से सुसज्जित केंद्रों में पंजीकृत बच्चों को रंगों के अलावा पेड़-पौधों, फूल की जानकारी के साथ ही अक्षर ज्ञान भी कराया जाएगा। इसके लिए केंद्र पर वाल पेंटिंग कराई जाएगी। इसके पीछे उद्देश्य है कि बच्चे अक्षर ज्ञान के अलावा स्कूल जाने से पहले संपूर्ण ज्ञान अर्जित कर सकें। कक्षा-कक्ष में ब्लैक बाेर्ड अथवा ग्रीन बोर्ड आदि की सुविधा दी जाएगी। लर्निंग लैब के रुप में जो आंगनबाड़ी केंद्र विकसित होंगे। उससे बच्चों का बौद्धिक विकास भी संभव हो सकेगा चयनित आंगनबाड़ी केंद्रों पर जरुरी सुविधा उपलब्ध होंगी।

लर्निंग लैब को तैयार करने के यह हैं 18 मानक
लर्निंग लैब को 18 मानकों के साथ तैयार किया जाएगा। इसमें स्वच्छ पेयजल, ओवरहेड टैंक के साथ नल-जल आपूर्ति, शौचालय एवं मूत्रालय में नल-जल आपूर्ति, क्रियाशील बाल मैत्रिक शौचालय, क्रियाशील महिला शौचालय, क्रियाशील बाल मैत्रिक मूत्रालय, शौचालय में टाइलीकरण, आंगनबाड़ी केंद्र के फर्श का टाइलीकरण, दिव्यांग मैत्रिक शौचालय, कक्षा-कक्ष में उचित ऊंचाई के साथ ब्लैक या ग्रीन बोर्ड, केंद्र पर रंगाई पुताई और चित्रकारी, दिव्यांग लाभार्थियो के लिए रेलिंग युक्त रैंप, विद्युत संयोजन एवं आपूर्ति, सुरक्षित वायरिंग के साथ लाइट, पंखे, फर्नीचर, गेट के साथ बाउंड्रीवाल के अलावा रसोई में सिंक के साथ नल-जल की व्यवस्था के मानक पूरे किए जाएंगे।
जिले के सभी 15 ब्लाकों और शहर में एक-एक सहित 16 आंगनबाड़ी केंद्रों का चयन किया गया है। इन केंद्रों को 18 मानकों के साथ जल्द ही लर्निंग लैब के रुप में विकसित किया जाएगा। कार्यवाही चल रही है...,अखिलेंद्र कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी।
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