पीलीभीत:  डीपीआरओ-कंसल्टिंग इंजीनियर मारपीट मामले में विभागीय जांच शुरू, तीन अधिकारियों को मिली जिम्मेदारी

पीलीभीत:  डीपीआरओ-कंसल्टिंग इंजीनियर मारपीट मामले में विभागीय जांच शुरू, तीन अधिकारियों को मिली जिम्मेदारी

पीलीभीत,अमृत विचार: विकास भवन में डीपीआरओ-कंसल्टिंग इंजीनियर के बीच हुई मारपीट के मामले की विभागीय जांच शुरू हो गई है। तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है। अब  ये टीम सभी बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार करेगी। सीडीओ धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने 72 घंटे  यानी तीन दिन के भीतर जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।  विभागीय जांच शुरू होने पर मामले को लेकर खलबली मच गई है।

 विकास भवन स्थित डीपीआरओ कार्यालय में तीन जनवरी को डीपीआरओ सतीश कुमार और कंसल्टिंग इंजीनियर अतुल कुमार के बीच मारपीट हो गई थी। कंसल्टिंग इंजीनियर का आरोप था कि वह विभागीय कार्य में आ रही समस्या को लेकर डीपीआरओ कार्यालय पहुंचा था। जहां समस्या सुनाते हुए उसके साथ मारपीट की गई।

वहीं डीपीआरओ का कहना था कि कंसल्टिंग इंजीनियर की बरखेड़ा क्षेत्र के प्रधानों ने 18 दिसंबर 2023 को शिकायत की थी। जिसमें पांच प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप लगाया गया था। जिसकी जांच एडीओ पंचायत से कराई गई। इस मामले में कंसल्टिंग इंजीनियर से स्पष्टीकरण मांगा गया था। घटना के दिन वह अचानक कार्यालय आया और अभद्रता करने लगा। खुद को चोटिल करने के बाद फंसाने के लिए शोर मचा दिया।

उनके ऊपर हेलमेट से वार भी किया जिसमें बचाव करने पर हाथ में चोट आई थी। कोतवाली पुलिस ने दोनों पक्षों की ओर से जानलेवा हमला करने की क्रॉस रिपोर्ट  दर्ज की थी। जिसकी विवेचना अभी चल रही है। इधर अब मारपीट मामले में विभागीय जांच भी शुरू हो गई है। ताकि घटनाक्रम की सत्यता को परखा जा सके।

 प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। कमेटी में  डीडीओ हवलदार सिंह, पीडी डीआरडीए शैलेश व्यास और एआर कोआपरेटिव डॉ. प्रदीप कुमार को शामिल किया गया है। इन सभी को तीन दिन के भीतर प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।

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