Kanpur: सेवादार, शिक्षिका व कबाड़ी के हत्यारोपी अभी भी पकड़ से दूर, तीन हत्याओं से दहल गया था शहर...

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में सेवादार, शिक्षिका व कबाड़ी के हत्यारोपी अभी भी फरार हैं।

कानपुर में सेवादार, शिक्षिका व कबाड़ी के हत्यारोपी अभी भी फरार हैं। कल यानी मंगलवार को तीन हत्याएं हुई थी।

कानपुर, अमृत विचार। ग्वालटोली थानाक्षेत्र में मंगलवार सुबह आनंदेश्वर मंदिर के सेवादार 60 वर्षीय कन्हैयालाल की किसी भारी चीज से सिर पर प्रहार कर हत्या कर देने के मामले में पुलिस को कई अहमद सुराग हाथ लगे हैं।

पुलिस को एक आरोपी का पता लगा गया है जो कि सेवादार का ही कोई अपना ही है। पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि लालच में आकर उनकी हत्या की गई थी।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, वे लोग इस हत्याकांड में शामिल नहीं लग रहे हैं। उन्हें रंजिशन झूठा फंसाने के लिए पुलिस को भ्रमित किया जा रहा है। हत्याकांड से पर्दा उठाने के लिए कई लोगों से पूछताछ की जा रही है। 

परमट स्थित आनंदेश्वर मंदिर परिसर निवासी 60 वर्षीय कन्हैया लाल मंदिर के सेवादार थे। मंगलवार सुबह घर के ही हिस्से में कन्हैया लाल का खून से लथपथ शव पड़ा मिला। कन्हैयालाल का बेटा संदीप आउट सोर्सिंग में क्लर्क है।

संदीप ने बताया था कि पिता रोज की तरह घर के अगले हिस्से में सोए हुए थे। सुबह साढ़े पांच बजे वह मंदिर में दर्शन करने के बाद आदर्श व्यायामशला जाते थे, लेकिन वह नहीं उठे तो जगाने की कोशिश की तो बिस्तर पर उनका खून से लथपथ शव मिला।

चीख-पुकार सुन मंदिर परिसर में रहने वाले अन्य लोग पहुंच गए और ग्वालटोली थाने पर सूचना दी। बेटे संदीप ने जमीन के विवाद में आरोप लगाते हुए श्याम नारायण बाजपेई समेत चार लोगों पर हत्या की एफआईआर दर्ज कराई थी।

बताया था कि उनका उससे वर्षों से विवाद चलता आ रहा है। वहीं कन्हैया लाल की पत्नी को दांत की बीमारी थी, इसलिए वे कुछ दिन पहले ही इलाज के लिए उन्नाव गई थीं।

वहीं गंगा के किनारे झोपड़ी में शव मिलने से पुलिस का शक कुछ अपनों पर ही पुख्ता होता जा रहा है। इस संबंध में एसीपी महेश कुमार ने बताया कि घटना में अहम सुराग हाथ लगा है, जल्द खुलासा किया जाएगा। 

प्रेम प्रसंग में हुई कबाड़ी की हत्या, हत्यारोपी की तलाश में लगी तीन टीमें
 

जाजमऊ थानाक्षेत्र में कबाड़ी की प्रेम प्रसंग में गला रेतकर हत्या की गई थी। पुलिस ने हत्यारोपी की तलाश में तीन टीमें लगाई हैं। पुलिस को पूछताछ में जानकारी मिली है कि आरोपी की पत्नी से मृतक के प्रेम संबंध थे।

जिस कारण उसे शराब पिलने के बाद मौत के घाट उतार दिया गया। 
 जाजमऊ के ताड़बगिया में 22 वर्षीय कबाड़ी सादिक की उसके साथी असरुद्दीन ने गला रेतकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद आरोपी मृतक का मोबाइल और कबाड़ ढोने के लिए जुगाड़ी गाड़ी लेकर भाग गया था।

पुलिस ने मामले में आरोपी असरुद्दीन के पिता समेत अन्य उसके परिवारीजनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। वहीं सादिक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में धारदार हथियार से वार करने और श्वास नली व भोजन नली कट जाने व अधिक खून बहने से हत्या की पुष्टि हुई है।

पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी असरुद्दीन की पत्नी का मृतक सादिक से प्रेम प्रसंग थे। जिसको लेकर आरोपी ने हत्या की है। मामले में प्रभारी निरीक्षक अरविन्द सिंह सिसोदिया ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें लगी हैं।

साथ ही घटना को अंजाम देने से पहले आरोपी ने सादिक के साथ शराब पी। उसके बाद हत्या कर फरार हो गया है। जांच में सामने आया है कि पत्नी से प्रेम प्रसंग को लेकर आरोपी ने घटना को अंजाम दिया है। फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। 

बुजुर्ग शिक्षिका की रहस्मय मौत पर उलझी पुलिस

रायपुरवा थानाक्षेत्र में छब्बालाल हाता की रहने वाली 62 वर्षीय बुजुर्ग शिक्षिका मंजू की रहस्मय मौत के मामले में पुलिस भी उलझ गई।

फोरेंसिक ने जहां एक ओर इस मामले को एक्सीडेंटल मृत्यु बताया वहीं पुलिस बाहर से कुंडी लगी होने के कारण हत्या की ओर दबी जुबां इशारा कर रही है। इस मामले में बुजुर्ग का बुधवार को पोस्टमार्टम किया गया। जिसमें बर्न की पुष्टि हुई और बिसरा सुरक्षित किया है।

वहीं पुलिस मृतका के दरवाजे पर पड़ोसियों के खिलाफ लिखी नोट के बाद पुलिस ने दूसरे दिन हाते में पहुंचकर पूछताछ की और एक को पड़ोसी को हिरासत में ले लिया। मंगलवार देर रात मृतका की बड़ी बहन लल्ली की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज की थी। 

मंजू वर्मा एल्डिको के पास एक एकिन पब्लिक स्कूल में बच्चों को पढ़ाती थीं। उन्होंने इसके साथ बीए बी एड किया हुआ था। उनके ममेरे भाई शैलेंद्र कुमार ने बताया था कि उनके पति राजेंद्र चौहान का सात वर्ष पहले स्वर्गवास हो गया था। उनके कोई संतान नहीं है।

इस कारण वह कैंपस में रहकर बच्चों को पढ़कार अकेले जीवन यापन कर रहीं थीं। बताया कि वह हमेशा उनके पास ही खाना पीना खाती थीं। बताया कि जब रोज की तरह वह मंगलवार सुबह नहीं आईं तो उन्होंने बहन शैलजा से पूछा।

जिस पर उन्होंने नहीं आने की बात कहते हुए पड़ोसी बैजनाथ से मंजू की जानकारी ली। यहां से भी कोई जानकारी न होने पर वह दोनों मंजू शर्मा के घर के बाहर पहुंचे तो अंदर से धुआं उठ रहा था और बाहर से कुंडी लगी हुई थी।

इस पर उन लोगों ने आवाज दिया तो कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। इसके बाद कुंडी खोली तो धुआं ही धुआं भरा था। उन लोगों को आग लगने की घटना लगी तो तुरंत पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस अंदर जाकर देखा जहां मंजू का जले शव से काफी धुआं उठ रहा था।

जिसके बाद सूचना पर पहुंचे जेसीपी क्राइम नीलाब्जा चौधरी, एडीसीपी आरती सिंह, एसीपी आईपी सिंह ने रिश्तेदारों से जानकारी ली थी। इस मामले में पुलिस को कुछ खास हाथ नहीं लगा है। वहीं दरवाजे पर चॉक से लिखे नोट में मंजू की अचानक अगर मृत्यु हो जाती है तो इसके जिम्मेदार पड़ोसी होंगे।

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